Raigarh news :-रायगढ़, 03 सितंबर 2025। छत्तीसगढ़ का रायगढ़ जिला डिजिटल नवाचार के मामले में लगातार नई मिसालें गढ़ रहा है। मनरेगा योजना को पारदर्शी बनाने के लिए जिले की 549 पंचायतों में QR कोड प्रणाली शुरू की गई है। अब कोई भी ग्रामीण अपने स्मार्टफोन से QR कोड स्कैन कर पिछले पाँच वर्षों में हुए व्यक्तिगत और सामुदायिक कार्यों की जानकारी देख सकता है – कितना खर्च हुआ, कितना काम पूरा हुआ और किन-किन योजनाओं का क्रियान्वयन हुआ। जिले के रायगढ़, खरसिया, पुसौर, घरघोड़ा, लैलूंगा, तमनार और धरमजयगढ़ ब्लॉकों की पंचायतों में QR कोड लगाए जा रहें हैं।
इससे ग्रामीणों को जानकारी के लिए पंचायत कार्यालयों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। मई 2025 में रायगढ़ प्रदेश का पहला जिला बना, जिसने सभी पंचायतों में डिजिटल टैक्स कलेक्शन की शुरुआत की। अब प्रॉपर्टी टैक्स, जलकर, बाजार शुल्क और स्वच्छता कर QR कोड स्कैन कर UPIसे सीधे जमा किए जा सकते हैं। इस कदम से न केवल समय की बचत हो रही है बल्कि पंचायतों का पूरा लेखा-जोखा भी ऑनलाइन सुरक्षित हो गया है। नए सिस्टम को समझाने के लिए पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं।
इससे ग्रामीणों को पहली बार यह अनुभव हो रहा है कि वे विकास कार्यों की निगरानी खुद कर सकते हैं और टैक्स का हिसाब पारदर्शी रूप से देख सकते हैं। पंचायतों के रिकॉर्ड ऑनलाइन आने से गड़बड़ी की गुंजाइश लगभग खत्म हो गई है। इस पहल की कमान जिला पंचायत CEO जितेंद्र यादव ने संभाली है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी और कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में राज्य की पारदर्शिता नीति और केंद्र की डिजिटल इंडिया पहल के तहत तैयार यह मॉडल अब पूरे छत्तीसगढ़ में मिसाल बन रहा है।
गौरतलब है कि पंचायतों में लगाए गए QR कोड पोस्टरों पर एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-233-2529 भी उपलब्ध है। किसी भी तरह की शिकायत, सुझाव या अतिरिक्त जानकारी के लिए ग्रामीण इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। इससे व्यवस्था और अधिक पारदर्शी और जवाबदेह हो गई है।” विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम ग्रामीणों को विकास की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी और योजनाओं की निगरानी का अधिकार देने की दिशा में बड़ा परिवर्तन है। आने वाले समय में रायगढ़ की यह पहल राष्ट्रीय स्तर पर भी रोल मॉडल साबित हो सकती है।