Raigarh News दिनांक: 17 सितंबर, 2025″मोदी जी को जन्मदिन की बधाई, एनएचएम कर्मचारियों की पुकार: 31वें दिन भी जारी आंदोलन, नियमितीकरण का तोहफा दे सरकार”
जिले के 500 से अधिक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कर्मचारियों ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को उनके 75वें जन्मदिन पर हार्दिक बधाई दी। साथ ही, अपने 31 दिन से चल रहे अनिश्चितकालीन आंदोलन के माध्यम से राज्य सरकार को “मोदी की गारंटी” का हवाला देते हुए लंबित वादों को पूरा करने की मांग दोहराई।
एनएचएम कर्मचारी लंबे समय से अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं, लेकिन उनकी समस्याओं पर राज्य सरकार का रवैया उदासीन बना हुआ है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार बार-बार 5 या 7 मांगों को पूरा करने की बात कहती है, लेकिन आज तक कोई लिखित आदेश जारी नहीं हुआ। विशेष रूप से ग्रेड पे निर्धारण और नियमितीकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई समयसीमा या आदेश जारी नहीं किया गया है।
कर्मचारियों ने स्पष्ट किया कि जब प्रधानमंत्री जनता से किए गए वादों को पूरी जिम्मेदारी के साथ पूरा करते हैं, तो राज्य सरकार को भी उसी तर्ज पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, “एनएचएम कर्मियों ने कोविड महामारी में अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा की, लेकिन बदले में न नियमितीकरण मिला और न ही सम्मान।”
कर्मचारियों की मांगें और अपील:
1. नियमितीकरण/स्थायीकरण: एनएचएम कर्मचारियों को स्थायी नौकरी प्रदान की जाए।
2. पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना : स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए कैडर का गठन।
3. ग्रेड पे निर्धारण : कर्मचारियों के लिए उचित ग्रेड पे की व्यवस्था।
4. 27% लंबित वेतन वृद्धि : वर्षों से लंबित वेतन वृद्धि का भुगतान।
- कार्य मूल्यांकन में पारदर्शिता : निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्यांकन प्रक्रिया।
- नियमित भर्ती, आरक्षण, और अनुकंपा नियुक्ति : नीतिगत सुधार और अवसर।
- मेडिकल एवं अन्य अवकाश : कर्मचारियों के लिए उचित अवकाश नीति।
- पारदर्शी तबादला नीति : तबादलों में निष्पक्षता सुनिश्चित की जाए।
- 10 लाख का कैशलेस बीमा : कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए बीमा सुविधा।
- 20 साल के शोषण का अंत : कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान।
कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री से अपील की, “हम स्वास्थ्य सैनिक हैं, हमें सम्मान दीजिए। एनएचएम कर्मचारियों को नियमितीकरण का तोहफा देकर 16,000 परिवारों की रोजी-रोटी सुरक्षित करें।”* उन्होंने कहा कि 6,239 स्वास्थ्य संस्थाएं इस आंदोलन से प्रभावित हैं, जिसके कारण मरीजों को परेशानी हो रही है। फिर भी, सरकार की चुप्पी कर्मचारियों के आक्रोश को बढ़ा रही है।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी, “20 साल का शोषण अब और बर्दाश्त नहीं। हमें लिखित आदेश चाहिए, वरना आंदोलन जारी रहेगा।”