Rajnandgaon News : छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव भारतीय जनता पार्टी के आधार स्तंभ, वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री लीलाराम भोजवानी (Leela Ram Bhojwani ) का गुरूवार 17 अगस्त को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार स्थानीय मुक्तिधाम में किया गया। आज सुबह 11 बजे से ही उनके झूलेलाल नगर स्थित निवास में लोगों का तांता लगा रहा। अंतिम दर्शन के लिए लोग उमड़ पड़े। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह समेत प्रदेश के सभी बड़े नेताओं ने भोजवानी के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लीलाराम भोजवानी (Leela Ram Bhojwani ) उन विरले नेताओं में शुमार थे, जिन्होंने भारतीय जनसंघ के प्रारंभिक काल में पार्टी की जड़ों को मजबूत बनाने के लिए भीषण संघर्ष किया। चना और मुरा की कहानी भोजवानी जी के जीवन में ही चरितार्थ रही। उनके निधन से भारतीय जनसंघ व भारतीय जनता पार्टी के एक युग का अंत हो गया है।
वह राजनीति के ऐसे शख्स थे कि उनका कोई भीषण राजनीतिक संघर्ष में भी कोई कोई व्यक्तिगत दुश्मन नहीं हुआ। वह हमेशा सबको साथ लेकर चलने पर विश्वास करते थे, यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी की जिले की राजनीति में उनका एक छत्र राज कायम रहा।
पार्षद से मंत्री तक का सफर : लीलाराम (Leela Ram Bhojwani ) पहली बार साल 1965 में राजनांदगांव नगर निगम में पार्षद बने। 1990 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता, फिर 98 में भी वापस विधायक चुने गए । मध्य प्रदेश के जमाने में श्रम विभाग में मंत्री रहे इसके अलावा उन्होंने साल 2000 से विधायक दल के कोषाध्यक्ष, राजनांदगांव भाजपा के जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारियां भी संभाली। भोजवानी पत्रकारिता से भी जुड़े रहे। कई बार मजदूर, मुर्रा पोहा श्रमिकों, झुग्गी झोपड़ी वासियों की समस्या और सामाजिक संस्थाओं के आंदोलन की वजह से जेल भी जा चुके थे।
कल देर रात हुआ था निधन : छत्तीसगढ़ बीजेपी के वरिष्ठ नेता लीलाराम भोजवानी (Leela Ram Bhojwani ) के तबीयत बिगडऩे के बाद उन्हें रायपुर की अस्तपाल में भर्ती किया गया था। अस्पताल में उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही थी। इसके बाद परिजनों ने बुधवार देर रात लीलाराम भोजवानी को वापस राजनांदगांव ले जाने का फैसला किया। एंबुलेंस पर वेंटिलेटर सपोर्ट के जरिए राजनांदगांव भेजा गया था। लेकिन रास्ते में ही उनका निधन हो गया।