Thursday, November 21, 2024
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Justice Sanjiv Khanna : जस्टिस संजीव खन्ना होंगे अगले CJI, राष्ट्रपति ने किया नियुक्त, इस दिन संभालेंगे पद

Chief Justice Of India : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) को देश का अगला मुख्य न्यायाधीश (CJI) नियुक्त किया. जस्टिस खन्ना मौजूदा CJI डी वाई चंद्रचूड़ का स्थान लेंगे, जो 10 नवंबर 2024 को 65 वर्ष की उम्र में रिटायर हो जाएंगे. जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवंबर 2024 को अपना पदभार ग्रहण करेंगे.

 

इस नियुक्ति की सिफारिश मौजूदा CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने की थी, जो खुद 8 नवंबर 2022 को इस पद पर नियुक्त हुए थे. केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा, ‘संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और माननीय मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद, माननीय राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजीव खन्ना को 11 नवंबर 2024 से प्रभावी रूप से भारत का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है.’

जस्टिस संजीव खन्ना भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे. उनका कार्याकाल लगभग सात महीने का होगा, जो 13 मई 2025 तक चलेगा.

जस्टिस खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) को 18 जनवरी 2019 को दिल्ली हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों की सुनवाई की, जिनमें दिल्ली शराब नीति मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की जमानत याचिकाओं से जुड़े मामले प्रमुख हैं.

मई में जस्टिस खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी ताकि वे लोकसभा चुनाव प्रचार में हिस्सा ले सकें. यह फैसला अपने आप में अनोखा माना गया.

इसके बाद जुलाई में इस पीठ ने केजरीवाल को फिर से अंतरिम जमानत दी और मामले को एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया, ताकि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत अतिरिक्त गिरफ्तारी के आधारों की आवश्यकता की जांच की जा सके और कानून के दुरुपयोग को रोका जा सके.

जस्टिस खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) और वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल्स (VVPATs) से जुड़े मामलों की भी सुनवाई की. हालांकि, पीठ ने 100 प्रतिशत VVPAT सत्यापन की मांग को खारिज कर दिया, लेकिन चुनाव आयोग से अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू करने को कहा. इसके अलावा जस्टिस खन्ना ने संविधान पीठ द्वारा लिए गए कई अहम फैसलों में योगदान दिया, जिनमें अनुच्छेद 370 और इलेक्टोरल बॉन्ड मामले से जुड़े निर्णय प्रमुख हैं.