Balrampur News : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के रामानुजगंज नगर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय मांगलिक भवन में सागर मोती फाउंडेशन एवं नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल के नेतृत्व मे चल रहे 9 दिवसीय श्री राम कथा एवं पांच कुंडीय मां गायत्री महायज्ञ (Gayatri Mahayagya) की पूर्णाहुति के साथ शुक्रवार को संपन्न हो गया।
श्री राम कथा के दरम्यान प्रभु श्री राम के जीवन से जुड़े विविध प्रसंगों पर संगीतमय उदबोधन साध्वी महंत डॉ प्रज्ञा भारती के मुखारविंद से आयोजित की गई थी। श्री राम कथा के समापन के दिन श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड पड़ा। श्री राम कथा में छत्तीसगढ़ सहित निकटवर्ती झारखंड प्रान्त से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओ ने अपनी सहभागिता दर्ज कराई।
नगर मे 8 फरवरी से 16 फरवरी तक श्री राम कथा और मां गायत्री महायज्ञ (Gayatri Mahayagya) आयोजित हुआ जिसके लिए आयोजन कर्ता समिति सागर मोती फाउंडेशन द्वारा नगरवासियों के सहयोग से दो माह पूर्व से तैयारियां प्रारंभ कर दी गई थी। श्री राम कथा आयोजन को लेकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय मांगलिक भवन की जहा विशेष सजावट की गई थी।
वहीं आयोजन को लेकर पूरे नगर में भगवा झंडा लगाए गए थे। श्री राम कथा एवं मां गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा से हुआ जिसमें प्रथम दिवस से ही बड़ी संख्या में यज्ञ एवं कथा में भागीदार होने पहुंचे वहीं अंतिम दिन तो स्थिति ऐसी हो गई की पैर रखने के लिए जगह पूरे परिसर में नहीं रही।
नौ दिवसीय श्रीराम कथा के अंतिम दिन लंका दहन, राम-रावण युद्ध, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक के प्रसंग का विवरण सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। कथा वाचक महंत साध्वी प्रज्ञा भारती ने बताया कि रामायण हमें जीवन जीने का तरीका सिखाती है. रामायण हमें आदर्श, सेवा भाव, त्याग व बलिदान के साथ दूसरों की संपत्ति पर हमारा कोई अधिकार नहीं है की सीख देती है।
भगवान श्री राम के राज्याभिषेक का वर्णन व राम दरबार की आकर्षक झांकी की प्रस्तुति पर पूरा कथा पंडाल राजा रामचंद्र की जय के जयकारों से गूंज उठा. महंत डा प्रज्ञा भारती ने कहा की बुराई और असत्य ज्यादा समय तक नहीं चलता है. अधर्म पर धर्म की ही जीत होती है.
भगवान श्रीराम ने सत्य को स्थापित करने के लिए रावण का वध किया. श्री राम कथा के माध्यम से व्यक्ति को अपनी बुरी आदतों को बदलने का प्रयास करना चाहिए. राम कथा भक्त को भगवान से जोड़ने की कथा है. भगवान की कथा हमें बताती है कि संकट में भी सत्य से विमुख न हो व अपने वचन का पालन करें.
श्री राम कथा में प्रतिदिन 3 हजार से 5 हजार की भीड़ रही वहीं अंतिम दिन तो लगभग 10000 से अधिक श्रद्धालु कथा श्रवण करने पहुंचे जितना परिसर के अंदर भीड़ था उतना ही परिसर के बाहर भी भीड़ रहा। सरगुजा संभाग के विभिन्न स्थानों के साथ-साथ झारखंड से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण करने पहुंचे।