Thursday, November 21, 2024
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FPO Mela CG : तीन दिवसीय तरंग एफपीओ मेला का वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने किया शुभारंभ

Raipur News : छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में नाबार्ड द्वारा आयोजित तीन दिवसीय एफपीओ मेला (FPO Mela CG) का फीता काटकर शुभारंभ किया। इस मेले के जरिए प्रदेश भर के किसान अपने उत्पादों के विक्रय तथा विपणन से संबंधित जानकारी हासिल कर सकेंगे और नई तकनीक की जानकारी हासिल कर अपने उत्पादों में वैल्यू एडिशन कर तथा नए एफपीओ बनाकर अपनी वित्तीय स्थिति मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

उभरती हुई संभावनाओं का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर स्वरोजगार की तरफ बढ़ें युवा : वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी

एफपीओ अर्थात किसान उत्पादक संगठन छोटी जोत आधारित कृषि को एक व्यवहारिक कृषि-व्यवसाय में बदलने और विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों की शुद्ध आय बढ़ाने के लिए एक प्रभावी तंत्र के रूप में उभर रहा है। छत्तीसगढ़ में खाद्य उत्पादन के क्षेत्र में  57 एफपीओ खाद्यान्न, फलों, सब्जियों और मसालों के उत्पादन जैसे विभिन्न गतिविधियों में लगे हुए हैं।

इन एफपीओ (FPO Mela CG) की संख्या और बढ़ायी जा सके तथा इनके जरिए राज्य भर के किसान कृषि को फायदेमंद व्यवसाय बना सकें, इसलिए नाबार्ड द्वारा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय एफपीओ मेला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें राज्य भर के 46 एफपीओ अपने उत्पादों के साथ हिस्सा ले रहे हैं।

एफपीओ मेला (FPO Mela CG) को संबोधित करते हुए ओपी चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राज्य बनाने की बात कही है। यह तभी संभव है जब छत्तीसगढ़ भी विकासशील से विकसित बने। इसके लिए मुख्ययमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सरकार ने बजट में अमृतकालः छत्तीसगढ़ विजन /2047 की बात कही है जिसे 1 नवंबर 2024 को लांच किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि बस्तर एवं सरगुजा जैसे क्षेत्रों मे विकास की काफी संभावनाएं हैं और इसके लिए बजट में डीडीपी अर्थात डीसेंट्रलाइज्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें तकनीक को बढ़ावा देना होगा और इसीलिए इस बजट में तकनीक को बढ़ावा देने के लिए 266 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

ओपी चौधरी ने कहा कि नाबार्ड के सहयोग से एफपीओ का काम बहुत अच्छा चल रहा है और इसके भीतर की असीम संभावनाओं को देखते हुए इसमें मछली पालन को भी शामिल करने की आवश्यकता है। श्री ओपी चौधरी ने कहा कि कृषि आज की आवश्यकता और आजीविका वर्धन का बहुत सशक्त माध्यम है।

उन्होंने कहा कि वह खुद भी एक किसान के रूप में केला, नारियल, कटहल,चीकू और सफेद चंदन की खेती कर रहे है और इसे व्यवसाय के रूप में आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवा कृषि की पढ़ाई कर रहे हैं। इन युवाओं को आने वाले समय मे उभरती हुई संभावनाओं का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना चाहिए ताकि कृषि को तकनीक से जोड़कर राज्य और देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के साथ ही रोजगार के नए अवसर भी प्रदान किया जा सके। युवाओं को अपने आत्मविश्वास, ज्ञान और समय के निवेश से स्वरोजगार की ओर बढ़ने का प्रयास करना चाहिए।

ओपी चौधरी ने कहा कि वैज्ञानिक खेती की नई किस्मों की लगातार खोज कर रहे हैं इसके साथ ही शिक्षाविद् भी वर्षों से युवाओं को खेती किसानी के बारे में पढ़ा रहे हैं,ऐसे में इन शिक्षाविदों को भी अपने ज्ञान को खेतों और किसानों तक पहुंचाना चाहिए ताकि कृषि को व्यवसायिक रूप देने में आसानी हो सके और किसानों को भी ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में 10 हजार एफपीओ के गठन और संवर्धन पर केंद्रीय क्षेत्र योजना (सीएसएस) की घोषणा की है। नाबार्ड इसके कार्यान्वयन एजेंसियों में से एक है। एफपीओ के उत्पाद कम समय में दूर तक पहुंच सके, शहरी खरीददारों को कृषक समुदाय के करीब लाया जा  सके इसके लिए इन्हें आनलाइन विक्रय एजेंसियों से भी जोड़ा गया है।