Thursday, November 21, 2024
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Farmer Protest : किसान संगठन कल करेंगे दिल्ली कूच, बंद किए गए बॉर्डर

Farmer Protest Updates : पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान संघों ने मंगलवार यानी 13 फरवरी को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है और इसके तहत वह दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। किसान आंदोलन (Farmer Protest) को लेकर दिल्ली के सभी बॉर्डर सील कर दिए गए हैं। सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

किसानों (Farmer Protest) को रोकने के लिए कटीले तार और कंक्रीट के बैरिकेट लगाकर बॉर्डर को सील कर दिया गया है। हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक किसान पंजाब से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। भारी संख्या में ट्रैक्टर और ट्रॉली से किसान दिल्ली के लिए कूच कर रहे हैं। इन किसानों को हरियाणा में ही रोकने की तैयारी की जा रही है।

दिल्ली के सभी बॉर्डर पर धारा-144 लागू की गई है। किसानों (Farmers Protest) को रोकने के लिए इन सीमाओं को कंक्रीट के अवरोधक, सड़क पर बिछने वाले नुकीले अवरोधक और कंटीले तार लगाकर सीमाओं को किले में तब्दील कर दिया गया है। इसके अलावा चंडीगढ़ में दो महीने के लिए निषेधाज्ञा लगाई गई है। हरियाणा में अंबाला, सिरसा, रोहतक, सोनीपत, झज्जर, जींद, कुरुक्षेत्र, कैथल, हिसार, फतेहाबाद, भिवानी और पंचकूला में धारा-144 लागू की गई है। पुलिस किसान नेताओं पर कड़ी नजर रख रही है।

किसानों आंदोलन (Farmers Protest) को देखते हुए हरियाणा में 2 स्टेडियम को अस्थाई जेल में तब्दील कर दिया गया है। अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर पंजाब की सीमा सील कर दी गई है। जींद और फतेहाबाद में पुलिस और प्रशासन हाई अलर्ट पर हैं। सिरसा स्थित चौधरी दलबीर सिंह इंडोर स्टेडियम और डबवाली के गुरु गोविंद सिंह स्टेडियम को अस्थायी जेल बना दिया है। उपद्रव के दौरान अगर किसी को गिरफ्तार किया जाता है तो उसे इन जेल में शिफ्ट किया जाएगा।

किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) को देखते हुए हरियाणा में सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखी जा रही है। फतेहाबाद, सिरसा, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार और डबवाली में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। गलत अफवाह फैलाने वालों को भी चेतावनी दी है। बता दें कि किसान यूनियनों की मांगों पर चर्चा के लिए केंद्र सरकार ने 12 फरवरी को उन्हें एक और बैठक के लिए आमंत्रित किया। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के ज्यादातर किसान संघों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने की मांग कर रहा है।