बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पांच महीने के भीतर रेपो रेट में जोरदार इजाफा किया है. महंगाई पर काबू पाने के लिए केंद्रीय बैंक इस साल मई से लेकर अब तक चार बार रेपो रेट में इजाफा कर चुका है. रिजर्व बैंक ने आज चौथी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी का ऐलान करते हुए 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर दिया. इस तरह अगस्त महीने के बाद सितंबर में भी रेपो रेट 0.50 फीसदी बढ़ गया है. आरबीआई की इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 5.90 फीसदी पर पहुंच गया है. रेपो रेट में हुई बढ़ोतरी का असर आम लोगों की जब पर पड़ेगा. बैंक होम लोन से लेकर कार लोन तक महंगे कर देंगे और लोगों की EMI बढ़ जाएगी. कोरोना महामारी के चलते रेपो रेट में लगातार दो साल तक बढ़ोतरी नहीं हुई थी. लेकिन जैसे-जैसे देश में महंगाई दर के आंकड़े बढ़ने शुरू हुए रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में इजाफा शुरू कर दिया. इस साल रेपो रेट बढ़ने की शुरुआत मई के महीने से हुई, जब बिना किसी पूर्व सूचना के आरबीआई ने आनन-फानन में एमपीसी की बैठक बुलाई और रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी. इसके बाद यह बढ़कर 4.40 फीसदी हो गया.
कुल 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी : इसके अगले महीने जून में हुई बैठक में केंद्रीय बैंक ने दूसरा झटका देते हुए रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी. इससे रेपो रेट बढ़कर 4.90 फीसदी हो गया. जबकि, अगस्त में आरबीआई ने तीसरा झटका देते हुए फिर रेपो रेट में 0.50 फीसदी का और इजाफ ा कर दिया. इससे ब्याज दर बढ़कर 5.40 पर पहुंच गया. अब आरबीआई गवर्नर ने रेपो दर में एक बार फि र से 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी करते हुए चौथा बड़ा झटका दिया है. मई से से लेकर अब तक रेपो रेट में कुल 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है.
कितनी बढ़ जाएगी आपकी ईएमआई : इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट से लिंक्ड लोन महंगे हो जाएंगे और आपकी ईएमआई बढ़ जाएगी. रेपो रेट बढऩे के बाद बैंक भी अपने कर्ज की दरों में इजाफा करने को तैयार रहते है. ऐसे में अगर आपका बैंक लोन की ब्याज दर में भी 0.50 फ ीसदी की बढ़ोतरी करता है, तो फि र आपको लोन की ज्यादा ईएमआई चुकानी होगी.
इस तरह समझिए, बढ़ोतरी को : मान लीजिए कि आपने 20 लाख रुपये का होम लोन 20 साल की अवधि के लिए 8.65 पर लिया है. मतलब कि आप 8.65 फीसदी की दर से हर महीने ईएमआई भर रहे हैं. इस दर से आपको 17,547 रुपये ईएमआई चुकानी पड़ रही है. अब जब रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा हुआ है, तो आपका ब्याज दर बढ़कर 9.15 फीसदी हो जाएगा और आपको 18,188 रुपये की ईएमआई चुकानी पड़ेगी. इस तरह आप पर हर महीने 641 रुपये का भार बढ़ जाएगा.