Chhattisgarh News : देश में महिलाओं को सशक्त बनाने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। लगातार वह ऐसी कई योजनाएं लॉन्च कर रही है, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं और अपनी पहचान बना सकती है।
केंद्र की ऐसी ही एक योजना ‘नमो ड्रोन दीदी’ (Drone Didi Yojana) है। इस योजना के तहत, कृषि के क्षेत्र में महिलाओं का बेहतर योगदान सुनिश्चित करने और ड्रोन के जरिए खेती को आसान बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह योजना पिछले साल लॉन्च की गई थी।
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार नमो ड्रोन दीदी योजना (Drone Didi Yojana) तहत स्व सहायता समूह की अधिक से अधिक महिलाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। कलेक्टर दीपक सोनी ने कृषि विभाग के अधिकारियों को इस सबंध में जरुरी निर्देश दिए हैं। ड्रोन दीदी निरुपा साहू एवं ड्रोन पायलट निखिल कन्नौजे ने कलेक्टर से मुलाकात कर अपने अनुभव साझा किए।
कलेक्टर ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें प्रेरणा स्रोत बताया। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा नमो ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि आने वाले चार वर्षों में 15,000 स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराया जाए। यह ड्रोन महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। ये ड्रोन कृषि क्षेत्र में उर्वरकों का छिड़काव करने के लिए उपयोग किए जाएंगे।
विकासखंड बलौदाबाजार अंतर्गत ग्राम लाहौद निवासी ड्रोन दीदी निरुपा साहू ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने ड्रोन से दवाई छिड़काव क़ा कार्य अप्रैल 2024 से शुरू की हैं। इसके पूर्व उन्होंने ग्वालियर स्थित प्रशिक्षण संस्थान से ड्रोन उडाने का 15 दिन का प्रशिक्षण लिया।
प्रशिक्षण केंद्र में दौरान विश्राम व भोजन इत्यादि की बेहतर सुविधा थी। उन्होने बताया कि बिहान अंतर्गत वैभव लक्ष्मी स्व सहायता समूह से जुडी हैं। नमो ड्रोन दीदी योजना के बारे में जानकारी क़ृषि विभाग के अधिकारियो से मिली। उनके पति जो सहकारी समिति लवन में कम्प्यूटर ऑपरेटर हैं उनसे भी मदद मिली।
ड्रोन दीदी ने बताया कि ड्रोन (Drone Didi Yojana) से यूरिया या क़ीटनाशक छिड़काव के लिए प्रति एकड 300 रुपये शुल्क लेती हैं और अब तक करीब 25 हजार रूपये कमा चुकी हैं। ग्राम लटुआ निवासी ड्रोन पायलट निखिल कन्नौजे ने बताया कि वह इफ्को कंपनी से जुडा है और कंपनी के माध्यम से ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण लिया है। उन्होंने बताया कि ड्रोन को 2 से 3 किलोमीटर की दूरी तक उड़ाया जा सकता है। विगत अप्रैल माह से करीब 88 एकड़ खेतों में दवाई का छिड़काव ड्रोन से कर चुके हैं।