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BJP : लोकसभा चुनाव-2024 (Lok Sabha Bjp) से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बड़ा फेरबदल किया है. पार्टी ने छत्तीसगढ़, तेलंगाना, राजस्थान और मध्य प्रदेश में अपने नए चुनाव प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं. राजस्थान का प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी को बनाया गया है, जबकि नितिन पटेल और कुलदीप बिश्नोई को सह-प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है. सियासी लिहाज से चर्चाओं में चल रहे मध्य प्रदेश के नए चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव होंगे, जबकि सह-प्रभारी की भूमिका रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव निभाएंगे.
वहीं, छत्तीसगढ़ (Lok Sabha Bjp) की कमान ओम प्रकाश माथुर को सौंपी गई है, जबकि सह-प्रभारी की भूमिका में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया रहेंगे. दक्षिण में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए बीजेपी ने तेलंगाना में भी बदलाव किया है. वहां चुनाव प्रभारी की भूमिका में प्रकाश जावड़ेकर होंगे, जबकि सुनील बंसल सह-प्रभारी के तौर पर काम करेंगे.
इन चारों राज्य में कुछ महीने में विधानसभा चुनाव
बता दें कि इन चारों राज्य में कुछ महीने में विधानसभा चुनाव (Lok Sabha Bjp) होने हैं. चुनाव के ऐलान से पहले बीजेपी ने नए प्रभारी नियुक्त करके लोकसभा चुनाव के महामुकाबले की भी फील्डिंग बैठा दी है. जिन्हें इन राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है वो पार्टी शीर्ष नेतृत्व के करीबी और विश्वसनीय माने जाते हैं. इससे पहले राज्य इकाईयों में बड़ा बदलाव करते हुए बीजेपी ने पंजाब, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पार्टी अध्यक्ष बदल दिए थे.
छत्तीसगढ़ का प्रभार ओम माथुर को
छत्तीसगढ़ (Lok Sabha Bjp) का प्रभार ओम माथुर का सौंपा गया है. वो कायस्थ जाति से आते हैं और संगठन में अच्छी पकड़ रखते हैं. उन्होंने मोदी-शाह का करीबी माना जाता है. इससे पहले वो महाराष्ट्र और गुजरात के भी प्रभारी रह चुके हैं. वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को सह-प्रभारी बनाया गया है, जो गुजरात से आते हैं और पाटीदार (लेउवा) समाज से हैं. वो भी पार्टी शीर्ष नेतृत्व के बेहद करीबी हैं.
प्रह्लाद जोशी राजस्थान के नए चुनाव प्रभारी
राजस्थान की बात की जाए तो वहां के नए चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी हैं. वो ब्राह्मण जाति से हैं और कर्नाटक के दिग्गज नेता माने जाते हैं. प्रह्लाद जोशी हुबली-धारवाड़ क्षेत्र से 4 बार सांसद चुने जा चुके हैं. मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने पर 2019 में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया, जिसके बाद से उनका कद लगातार बढ़ रहा है. एक वक्त उनके सीएम बनने की भी चर्चा तेज हो गई थी. येदियुरप्पा को दरकिनार किए जाने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि प्रह्लाद जोशी मुख्यमंत्री के रूप में उनकी जगह लेंगे, लेकिन लिंगायत दिग्गज की जगह किसी अन्य लिंगायत को लाने की मांग के उठी तो बोम्मई को मौका मिल गया.
नितिन पटेल और कुलदीप बिश्नोई निभाएंगे ये भूमिका
वहीं, राजस्थान (Lok Sabha Bjp) के सह-प्रभारी की भूमिका नितिन पटेल और कुलदीप बिश्नोई निभाएंगे. नितिन पटेल गुजरात के बड़े नेताओं में शुमार हैं और पाटीदार समाज से आते हैं. 1995 में पहली बार विधायक का चुनाव लड़ने वाले नितिन पटेल पिछले 30 सालों से बीजेपी के सदस्य हैं. एक वक्त उनके गुजरात के सीएम बनने की चर्चा बहुत तेज चली थी, लेकिन कुछ सियासी उठापटक के चलते वो सीएम बनते-बनते रह गए थे. लेकिन पार्टी में उनका कद आज भी बड़ा है. वहीं, कुलदीप बिश्नोई हरियाणा से आते हैं और वो जिस जाति से आते हैं उसी से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी आते हैं. हालांकि वो कांग्रेस के बागी नेता के तौर पर भी जाने जाते हैं. कहा जा रहा है कि कुलदीप को सह-प्रभारी बनाकर बीजेपी ने कांग्रेस को बड़ा झटका देने की तैयारी में है.
भूपेंद्र यादव को मध्य प्रदेश की कमान
मध्य प्रदेश की चुनावी कमान संभालने जा रहे भूपेंद्र यादव केंद्रीय मंत्री हैं. उनकी संगठन में अच्छी पकड़ मानी जाती है और वो चुनाव के माहिर भी कहे जाते हैं. भूपेंद्र यादव हरियाणा से आते हैं और राजस्थान से राज्यसभा में दो बार पहुंच चुके हैं. वहीं, मध्य प्रदेश के सह-प्रभारी बनाए गए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ओडिशा से राज्यसभा सांसद भी हैं. बालासोर रेल हादसे के बाद से वो काफी चर्चाओं में थे.
प्रकाश जावड़ेकर को तेलंगाना की जिम्मेदारी
बीजेपी (Lok Sabha Bjp) ने तेलंगाना में भी बदलाव किया है. वहां चुनाव प्रभारी की भूमिका में प्रकाश जावड़ेकर होंगे. प्रकाश जावड़ेकर ने 1975 में आपातकाल के दौरान सत्याग्रह आंदोलन का नेतृत्व भी किया था. वो 1984 में पहली बार राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में आए थे. वो केंद्रीय में मंत्री की भूमिका में रहे हैं और चुनाव रणनीति के दिग्गज माने जाते हैं. उन्हें भी मोदी-शाह का करीबी माना जाता है. वहीं सह-प्रभारी की भूमिका सुनील बंसल को सौंपी गई है. सुनील बंसल को संगठन का अच्छा खासा अनुभव है. यूपी में उनकी अलग सियासी पहचान है. चुनाव आते ही उनके नाम चर्चाएं तेज हो जाती हैं. वो भी अमित शाह के बेहद करीबी माने जाते हैं.
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