National News : पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा है कि गवर्नर (CM VS Governor) को अगर लगता है कि उनकी चिट्ठी के बाद सीएम की कुर्सी छिनने के डर से मैं कंप्रोमाइज कर लूंगा तो जान लें मैं कोई समझौता नहीं करूंगा। मान शनिवार को गवर्नर बीएल पुरोहित को उनके लेटर का जवाब दे रहे थे। मान ने कहा कि गवर्नर की चिट्ठी में उनकी पावर हंगर की झलक मिलती है। उन्हें ऑर्डर देने की आदत है। चिटि्ठयां भी शायद ऊपर से लिखवाते होंगे। गवर्नर तो सिर्फ साइन ही करते होंगे।
शुक्रवार को गवर्नर (CM VS Governor) बीएल पुरोहित ने मान को चिट्ठी दी थी, इसमें राष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत रिपोर्ट भेजने और कानूनी कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी गई थी। पंजाब में वर्ष 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद गवर्नर बीएल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच लगातार खींचतान चल रही है। गवर्नर अलग-अलग मुद्दों पर सीएम को छह से अधिक लेटर लिख चुके हैं।
CM भगवंत मान (CM VS Governor) ने कहा कि रोज की किचकिच लगा रखी है। इसको लेकर मैं आज सारी डिटेल शेयर करूंगा। यह कोई नई बात नहीं कि राज्यपाल चिट्ठी लिखें और उसमें कोई ऑर्डर या लैंग्वेज लिखें, जिससे पंजाबियों को नीचा दिखाया जाता हो। हम जवाब देते रहें कि ठीक हो जाएंगे। ऊपर से ऐसे ऑर्डर होंगे। पंजाब ही नहीं, दूसरे राज्य भी इस दुख से पीड़ित हैं।
कल गवर्नर ने पंजाब के शांति पसंद लोगों को जो धमकी दी है कि मैं आप पर राष्ट्रपति शासन लगा दूंगा। मैं धारा 356 रिकमेंड कर दूंगा और सरकार (CM VS Governor) तोड़कर गवर्नर राज की सिफारिश कर दूंगा। लड़ाई तो 16 मार्च से ही चल रही है। अब निचले स्तर से समझकर हल्ला बोल पर आ गए हैं। गवर्नर सीधी धमकी दे रहे हैं। चिट्ठी का जवाब न देना क्या राष्ट्रपति राज का कारण हो सकता है।
लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह कंट्रोल में है। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के साथ जब गवर्नर की मीटिंग होती है तो हम यही आंकड़े उन्हें देते हैं। उन्हें सब पता है। अब लेटर निकालकर बोल रहे हो कि लॉ एंड ऑर्डर खराब है।
गवर्नर ने मुझे 16 चिटि्ठयां लिखीं। उनमें से 9 का जवाब दे चुके हैं। बाकी के जवाब तैयार हैं। कई बातें ऐसी पूछी हैं, जिनकी जानकारी लेने में समय लगता है। गवर्नर के पास 6 बिल पेंडिंग हैं। इनके अलावा 2 पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार के वक्त के हैं।
पंजाब में चुनी सरकार है। साढ़े 3 करोड़ लोगों ने वोट दिया है। 92 सीटें मिली हैं। चुनाव संविधान के मुताबिक हुए हैं। चुनी सरकार बिल को कैबिनेट में पास करने के बाद विधानसभा में पास करवाकर गवर्नर को भेजती है। जिसे रोक दिया जाता है। ऐसा तो फिर इलेक्टेड और सिलेक्टेड के बीच की लड़ाई फेडरल स्ट्रक्चर के लिए खतरनाक है।
सीएम मान (CM VS Governor) ने कहा कि मैं गवर्नर को कहना चाहता हूं कि पंजाबियों के जज्बात और सब्र का इम्तिहान न लें। गवर्नर ने कहा कि वे नागपुर के हैं। जब वे हैं ही नागपुर के तो मैं और क्या कहूंगा? मैं गवर्नर को कहूंगा कि वे राजस्थान के हैं। बाद में नागपुर गए थे। मैं कहूंगा कि राजस्थान में चुनाव हैं। गवर्नर वहां मुख्यमंत्री का चेहरा बनकर बीजेपी से चुनाव लड़ें। फिर वहां ऑर्डर देते रहें।