CG NEWS : प्रदेश की सभी सात सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है। विधानसभावार पड़े मत प्रतिशत की भाजपा संगठन में समीक्षा की जा रही है। खासकर भाजपा मंत्रियों (CG Vishnu Cabinet) और विधायकों के विधानसभा क्षेत्र में हुई वोटिंग की बारीकी से समीक्षा की जा रही।
इस समीक्षा में अच्छे और कमजोर प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों और विधायकों की अलग-अलग सूची बनाई जा रही है। ताकि कमजोर प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों और विधायकों का रिपोर्ट कार्ड बनाने में आसानी हो।
दरअसल, छत्तीसगढ़ के विष्णुदेव साय सरकार (CG Vishnu Cabinet) में एक पद मंत्री का पहले से खाली है। और अगर भाजपा के वरिष्ठ नेता और छह बार के विधायक बृजमोहन अग्रवाल रायपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के युवा प्रत्याशी विकास उपाध्याय को हराने में कामयाब हुए तो उन्हें विष्णु कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ेगा।
ऐसे में विष्णु कैबिनेट में दो मंत्रियों (CG Vishnu Cabinet) का पद खाली हो जाएगा। इसकी तैयारी भाजपा व संगठन ने अभी से शुरू कर दी है। 4 जून को लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद ही छत्तीसगढ़ में भी दो मंंत्रियों की नियुक्ति के साथ ही निगम मंडलों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य पदों पर नियुक्ति की जाएगी। इसमें कई विधायकों ने निगम-मंडलों में अध्यक्ष बनने का सपना संजोए हैं।
इसके लिए मंत्रियों और विधायकों के विधानसभा क्षेत्र में हुई वोटिंग की बारीकी से समीक्षा की जा रही। इस समीक्षा में अच्छे और कमजोर प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों और विधायकों की अलग-अलग सूची बनाई जा रही है। ताकि कमजोर प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों और विधायकों का रिपोर्ट कार्ड बनाने में आसानी हो।
मंत्रियों और विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में वोटिंग प्रतिशत की विस्तृत रिपोर्ट प्रदेश भाजपा संगठन द्वारा शीर्ष नेतृत्व को भेजी जाएगी। रिपोर्ट में जहां वोटिंग पिछली बार की तुलना में अधिक और कम हुई है, उसके कारण भी विस्तार से रहेगा। इसी आधार पर मंत्रियों और निगम मंडलों में नियुक्ति होगी।
बृजमोहन अग्रवाल के चुनाव जीतने के बाद पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, राजेश मूणत और अजय चंद्राकर में से किसी एक का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। ये तीनों रमन सिंह सरकार के 15 सालों के कार्यकाल में मंत्री रहे हैं। बृजमोहन विष्णुदेव सरकार में सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं, लेकिन उनके संसद जाने के बाद एक वरिष्ठ का मंत्री बनना लगभग तय है।
इसके अलावा पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह, पूर्व मंत्री लता उसेंडी का भी नाम चल रहा है। हालांकि सरकार में पहले से ही एक महिला मंत्री होने की वजह से इसकी गुजाइंश कम है।