Thursday, November 21, 2024
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CG NEWS : कुत्ते के शिकार की लालच में फंसा तीन लोगों की जान लेने वाला आदमखोर तेंदुआ

कोरिया-जनकपुर। छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी) जिलातंर्गत मनेंद्रगढ़ वन मंडल के जनकपुर क्षेत्र में आतंक का पर्याय बने आदमखोर तेंदुए को आखिरकार वन विभाग ने कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ लिया। जहां एक महीने के अंतर्गत एक मासूम समेत चार व्यक्तियों पर हमला, जिसमें तीन लोगों की मौत और एक मवेशी का शिकार करने के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल था। स्थानीय ग्रामीणों के आक्रोश पर वन विभाग की टीम इस आदमखोर तेंदुए की तलाश में लगी थी। जहां एक्सपर्ट की सलाह पर आदमखोर तेंदुए को पकडऩे के लिए पिंजरे लगाकर उसमें कुत्ते के बच्चे को रखा था। शिकार की लालच में बुधवार की सुबह तेंदुआ ग्राम नौडिया में रखे पिंजरे में फ ंस गया। अब इस तेंदुए को कानन पेंडारी भेजा जाएगा। यह वन विभाग के अधिकारियों का कहना है। हालांकि अभी इस बात को लेकर यह संशय बना हुआ है कि लोगों की जान लेने वाला यही तेंदुआ है या फिर दूसरा। इसकी जांच वन विभाग के अधिकारी कर रहे। बता दें कि मनेन्द्रगढ़ वन मंडल के जनकपुर और कुंवारपुर परिक्षेत्र में बीते एक महीने से तेंदुए का आतंक था। आदमखोर तेंदुआ अब तक तीन लोगों की जान ले चुका है। जबकि एक बच्चे को गंभीर रूप से घायल कर चुका था। 15 जनवरी को हुई घटना के बाद ग्रामीणों द्वारा मृतक का अंतिम संस्कार न करने के विरोध के बाद राज्य स्तर पर वन विभाग में हलचल तेज हुई जिससे घटना के दूसरे दिन वाइल्ड लाइफ के पीसीसीएफ जनकपुर पहुंचे। सीसीएफ सरगुजा के साथ वन्य प्राणी के सीसीएफ, गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के संचालक और मनेंद्रगढ़ वन मंडल के डीएफ ओ दो दिन से तेंदुए की खोज में जनकपुर में डेरा डाले हुए थे। जहां हाथी भी इसकी खोज में मंगाए गए किन्तु इसकी आवश्यकता नहीं पड़ी। बुधवार की सुबह राहत भरी खबर आई कि दहशत का पर्याय बना तेंदुआ ग्राम नौडिया में रखे पिंजरे में फं स गया। वन अमले के साथ क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली।

 

 

खोजी कुत्ते की भी ली मदद : तेंदुए की खोज के लिए वन विभाग ने पूरा जोर लगा रखा था। खोजी कुत्ते की भी मदद ली गई। तेंदुए पर नजर रखने और उसे ट्रैंकूलाइज करने टीम भी आ चुकी थी। वहीं तमोर पिंगला से दो हाथियों को भी मंगाया गया जिस पर बैठकर टीम तेंदुए के करीब जाकर उसे बेहोश करती। हालांकि हाथी की मदद लेने से पहले ही आदमखोर तेंदुआ पकड़ लिया गया।

 

 

पहले बकरी, फिर मुर्गा और अब कुत्ते को बनाया चारा : बीते एक सप्ताह से तेंदुए को पकडऩे की कोशिश की जा रही थी। विभाग की ओर से आदमखोर तेंदुए की लगातार निगरानी की जा रही थी। इसे पकडऩे पहले बकरी फि र मुर्गा और अब कुत्ते को चारा बनाया था जहां कुत्ते के शिकार की लालच में तेंदुआ फ ंस गया। बीते 15 दिनों से वन विभाग तेंदुए को पकडऩे की जुगत लगा था। पहले पिंजरे में बकरी को तेंदुए के आहार के रूप में रखा गया उसके बाद मुर्गी रखवाया गया किन्तु तेंदुआ पकड़ में नहीं आया। वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट ने बताया कि बाघ और तेंदुआ बकरी को अपना आहार नहीं बनाते, उसे मुर्गा या कुत्ता काफ ी पसंद है। फि र मुर्गे को पिंजरे में रखा गया, लेकिन तेंदुए ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। अब उसके लिए एक कुत्ते को पिंजरे में रखा गया। इसे शिकार बनाने में तेंदुआ पिंजरे में फंस गया जिसके बाद वन विभाग ने राहत की सांस ली।