CG Drought 2025  : छत्तीसगढ़ में सूखे जैसे हालात, किसानों की बढ़ी चिंता, 29 जिलों में अब तक नहीं भीगी माटी

राज्य में मानसून के आगमन के बावजूद अब तक केवल 55 मिमी औसत बारिश दर्ज हुई है। जशपुर और बलरामपुर जैसे कुछ जिलों को छोड़ दें, तो अधिकांश इलाके जलसंकट झेल रहे हैं। खेतों में दरारें पड़ चुकी हैं, किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं।

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सूखे खेत की प्रतिकात्मक तस्वीर। सोर्स : मेटा एआई
Highlights
  • पूरे राज्य में औसत वर्षा मात्र 55 मिमी, नारायणपुर में सबसे कम 13.5 मिमी
  • 29 जिलों में अब तक खेत गीले भी नहीं हो पाए, खुर्रा बोनी और रोपाई अधर में लटकी
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Drought In Chhattisgarh :  छत्तीसगढ़ में मानसून (CG Drought 2025) की सामान्य शुरुआत के बावजूद किसानों की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। प्रदेश के 29 जिलों में अब तक खेतों में नमी तक नहीं पहुंची है, जिससे किसान भारी संकट में हैं। इधर राज्य में 1 जून से अब तक औसतन 55.0 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जशपुर और बलरामपुर जैसे गिने-चुने जिलों को छोड़ दें तो शेष प्रदेश में अब तक खेत गीले नहीं हुए हैं।

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राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जशपुर जिले में 188.4 मिमी, बलरामपुर में 187.7 मिमी, कोरिया में 127.0 मिमी और रायगढ़ जिले में 112.7 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जबकि नारायणपुर जिले में अब तक मात्र 13.5 मिमी बारिश हुई है। अधिकांश जिलों में खेतों की मिट्टी सूखी हुई है, जिससे खुर्रा बोनी तक नहीं हो सकी है। किसान अपने खेतों की तैयारी तो कर चुके हैं लेकिन बारिश (CG Drought 2025)  न होने से रोपाई नहीं हो पा रही।

खरीफ सीजन की शुरुआत मई माह से ही हो जाती है। इस दौरान किसान खाद-बीज की व्यवस्था कर लेते हैं, गोबर खाद डालते हैं, और खेतों की जोताई शुरू कर देते हैं। इसके बाद दो-तीन अच्छी बारिश की जरूरत होती है, जिससे खेत में खुर्रा बोनी की जा सके। लेकिन इस वर्ष बारिश की कमी के चलते बोनी तक नहीं हो सकी है। कई जिलों जैसे सारंगढ़-बरमकेला, महासमुंद, धमतरी और गरियाबंद में अभी तक खुर्रा बोनी तक नहीं हुई है। जहां कहीं कुछ किसानों ने जोखिम लेकर बोनी कर भी दी है, वहां अब खेतों में दरारें पड़ने लगी हैं।

धान की रोपाई के लिए भी खेतों में पर्याप्त नमी जरूरी होती है। जिन किसानों के पास बोर पंप की सुविधा है, वे रोपाई को प्राथमिकता दे रहे हैं, लेकिन वे भी डीजल की महंगाई के चलते सीमित सिंचाई ही कर पा रहे हैं। किसान मूंगफली, उड़द, मूंग और हरी मिर्च जैसी फसलें भी खरीफ में लगाते हैं, पर वर्षा की कमी के कारण इस बार इन फसलों की बुवाई पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

जिन क्षेत्रों में सिंचाई (CG Drought 2025)  की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है, वहां किसान पूरी तरह आसमान की ओर देख रहे हैं। राज्य का अधिकांश ग्रामीण इलाका खेती पर ही आधारित है। ऐसे में बारिश की कमी का सीधा असर ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। किसान सिंचाई के लिए अब तालाब व बोर पंप का सहारा ले रहे हैं, लेकिन डीजल पंप से सिंचाई करना काफी महंगा पड़ रहा है।

राज्य के किसानों की निगाह अब पूरी तरह मानसून पर टिक गई है। कुछ जिलों में हल्की फुहारें जरूर पड़ी हैं, पर वे खेती के लिए नाकाफी हैं। हर बीतते दिन के साथ किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है। मौसम विभाग के अनुमान पर भी किसानों की नजरें टिकी हैं, पर जब तक आसमान से राहत की फुहारें नहीं गिरतीं, तब तक ग्रामीण छत्तीसगढ़ की माटी में जीवन की हरियाली लौटने की उम्मीद अधूरी ही रहेगी।

 

बारिश ने रुख मोड़ा, किसानों की उम्मीद टूटी CG Drought 2025

छत्तीसगढ़ में मानसून (CG Drought 2025)  सक्रिय होने के बाद भी अधिकांश जिलों में अब तक वर्षा नहीं हो सकी है। 1 जून से अब तक सिर्फ 55 मिमी औसत वर्षा दर्ज हुई है, जबकि सामान्य से काफी कम है। इससे खरीफ सीजन की तैयारी करने वाले किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जशपुर और बलरामपुर जैसे कुछ जिलों को छोड़ दें तो शेष प्रदेश में खेत सूखे पड़े हैं। ऐसे में किसानों ने बोरपंप से सिंचाई शुरू कर दी है, जबकि कई किसान अब भी इंद्रदेव की कृपा के इंतजार में हैं।

सिंचाई पर बढ़ता बोझ CG Drought 2025  

बारिश (CG Drought 2025)  की कमी के कारण अब खेतों में डीजल पंप द्वारा पटवन किया जा रहा है, लेकिन डीजल की बढ़ती कीमतें किसानों की परेशानी और बढ़ा रही हैं। कई किसान तालाब और नदियों से सिंचाई कर फसलों को सूखने से बचाने का प्रयास कर रहे हैं। अगर चार-पांच दिनों के भीतर अच्छी बारिश नहीं हुई तो धान की फसल बर्बाद हो सकती है।

 

 जिलावार रिकॉर्ड CG Drought 2025  

क्र. जिला औसत वर्षा (मि.मी.)
1 जशपुर 188.4
2 बलरामपुर 187.7
3 कोरिया 127.0
4 रायगढ़ 112.7
5 सूरजपुर 86.4
6 सरगुजा 74.4
7 दंतेवाड़ा 73.8
8 बीजापुर 67.3
9 कोरबा 63.9
10 बस्तर 63.2
11 मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर 55.1
12 गौरेला-पेंड्रा-मरवाही 49.6
13 सक्ती 47.6
14 गरियाबंद 47.5
15 खैरागढ़-छुईखदान-गंडई 42.9
16 जांजगीर-चांपा 42.5
17 दुर्ग 42.0
18 बलौदाबाजार 41.9
19 सारंगढ़-बिलाईगढ़ 40.6
20 बालोद 38.7
21 रायपुर 38.6
22 कांकेर 35.8
23 कबीरधाम 32.9
24 महासमुंद 30.4
25 कोंडागांव 26.9
26 राजनांदगांव 25.9
27 धमतरी 24.1
28 बिलासपुर 23.1
29 मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी 21.5
30 सुकमा 20.8
31 मुंगेली 14.8
32 बेमेतरा 14.6
33 नारायणपुर 13.5
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