Balrampur News : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज (Balrampur News ) जिले में बीती रात 1 बजे के करीब मितगई रोड़ में स्थित बोहला बांध में मछली मारने गए ग्रामीण घर लौटने के दौरान जंगली सूअर की शिकार करने के लिए बिछाए करंट की चपेट में आ गए। इससे मौके पर ही 1 युवक की मौत हो गई। जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल है। जिसे इलाज के लिए बलरामपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार (Balrampur News ) मिटगई गांव के पांच युवक बीती रात 10 बजे के करीब गोला बांध में मछली पकड़ने गए थे। मछली नहीं मिलने के कारण वह रात में 1 बजे करीब वापस जंगल के रास्ते से घर जा रहे थे। इस दौरान पांच युवकों में से दो युवक राजकुमार पिता रामचंद्रपुर उम्र 40 वर्ष, शिवनारायण पिता रमेंसर उम्र 32 वर्ष आगे आगे चल रहे थे। दोनों जंगली सूअर का शिकार करने के लिए बिछाए तार की चपेट में आ गए जिससे मौके पर ही राजकुमार की मौत हो गई।
वहीं शिवनारायण गंभीर रूप से घायल हो गया जिसे 100 बिस्तर अस्पताल लाया गया। जहां युवक की स्थिति गंभीर देखते हुए तत्काल जिला चिकित्सालय में बलरामपुर (Balrampur News ) के लिए रेफर कर दिया गया। जहां उसका इलाज चल रहा है। घटना पर पुलिस के द्वारा मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया।
डेढ़ किलोमीटर बिछाया था तार : जंगली सूअर का शिकार करने के लिए शिकारियों द्वारा वन वाटिका नर्सरी से 11000 वोल्ट तार खींचकर करीब डेढ़ किलोमीटर जंगल में बिछाया था जिसकी चपेट में आने से एक की मौत हो गई एवं एक गम्भीर रूप से घायल हो गया। तार के चपेट में आने से राजकुमार की मौके पर ही मौत हो गई साथ में चल रहे शिवनारायण भी चपेट में आ गया परंतु पीछे से आ रहे हैं चलितर के तात्कालिक सूझबूझ से शिवरीनारायण की जान बची। तत्काल चलितर ने टांगी से तार काटा जिससे शिवरीनारायण की जान बची।
5 किमी पैदल चल घायल युवक जंगल से निकाला : शिवरीनारायण के गंभीर रूप से घायल होने के बाद तत्काल उनके तीन अन्य साथियों के द्वारा उसे 5 किलोमीटर जंगल के रास्ते से मितगई ले गए जहां से उसे चार चक्का वाहन से तत्काल 100 बिस्तर अस्पताल रामानुजगंज लाया गया जहां प्रारंभिक इलाज कर स्थिति गंभीर देखते हुए जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। जिस प्रकार से डेढ़ किलोमीटर जंगल में 11000 वोल्ट से से काला तार पूरे करीब डेढ़ किलोमीटर जंगल में बिछा दिया गया था उससे हादशा होना ही था। 3 बजे सुबह से ही लोग भैंस चराने एवं जंगल लकड़ी लेने जाते हैं ऐसे मैं किसी न किसी के करंट के चपेट में आना ही था।