Farmers Tree Permit : किसानों की (Agriculture Land Tree Clearance ) आय को बढ़ाने, वन क्षेत्र के बाहर हरित आवरण को विस्तार देने और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने कृषि भूमि पर पेड़ों की कटाई को सरल बनाने के लिए ‘आदर्श नियम’ जारी किए हैं। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 19 जून को सभी राज्यों को पत्र भेजकर इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया है।
इन नियमों के अनुसार किसानों को अब लकड़ी आधारित कृषि वानिकी उत्पादों के व्यापार और विपणन में अनावश्यक बाधाओं से राहत मिलेगी। मंत्रालय का कहना है कि यह पहल लकड़ी के आयात को घटाने, सतत भूमि उपयोग को प्रोत्साहित करने और पेरिस जलवायु समझौते के तहत भारत के लक्ष्यों को मजबूत करने के लिए की गई है।
बनेगी समिति, कृषि व राजस्व अधिकारी रहेंगे शामिल
‘आदर्श नियमों’ के अंतर्गत, 2016 में लागू लकड़ी आधारित उद्योगों से संबंधित दिशा-निर्देशों के तहत बनी राज्य स्तरीय समिति (एसएलसी) अब कृषि वानिकी मामलों में भी कार्य करेगी। समिति में अब राजस्व और कृषि विभागों के अधिकारी भी शामिल किए जाएंगे जो पेड़ों की कटाई, ढुलाई और विपणन से जुड़े नियमों को सरल बनाने में राज्य सरकार को सुझाव देंगे।
पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा (Agriculture Land Tree Clearance )
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसान यदि अपनी कृषि भूमि पर पेड़ काटना चाहते हैं तो उन्हें राष्ट्रीय लकड़ी प्रबंधन प्रणाली (NTMS) पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। इसके तहत उन्हें भूमि स्वामित्व का विवरण, भूमि की स्थिति, पेड़ की प्रजातियां, रोपण तिथि (महीना और वर्ष) और पौधों की औसत ऊंचाई जैसे विवरण ऑनलाइन दर्ज करने होंगे।
10 से अधिक पेड़ होने पर आनलाइन आवेदन (Agriculture Land Tree Clearance )
यदि किसी भूमि पर 10 से अधिक पेड़ हैं, तो किसान को जियो टैग की गई फोटो के साथ ऑनलाइन आवेदन देना होगा। इन आवेदनों की सत्यापन प्रक्रिया वन, कृषि और पंचायती राज विभागों के क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा की जाएगी। साथ ही, हर पेड़ के लिए केएमएल फॉर्मेट में लोकेशन सहित फोटो भी जरूरी होगी। एसएलसी आवश्यकतानुसार किसानों को जानकारी अपडेट करने का निर्देश दे सकती है।
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पेड़ों (Agriculture Land Tree Clearance ) की कटाई की तारीख पहले से बतानी होगी, और कटाई के बाद की तस्वीरें भी पोर्टल पर अपलोड करनी होंगी। इसके आधार पर संबंधित विभाग अधिकारी भेजकर सत्यापन करा सकते हैं। यदि सत्यापन में कोई बाधा न हो तो स्वचालित रूप से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) पोर्टल के माध्यम से जारी कर दिया जाएगा।
प्रभागीय वन अधिकारी इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे और हर तिमाही में समिति को रिपोर्ट भेजेंगे कि सत्यापन एजेंसियां अपने कार्यों को कैसे निष्पादित कर रही हैं। इस व्यवस्था से न केवल किसान को समय पर कटाई की अनुमति मिलेगी, बल्कि वह कृषि वानिकी उत्पादों की स्वतंत्र रूप से बिक्री भी कर सकेगा।