Chhattisgarh Coal Levy Scam : सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर सौम्या चौरसिया (Saumya Chaurasia) की जमानत याचिका खारिज कर दी। उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। वह छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल की उप सचिव थीं।
बता दें कि कोल स्कैम और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुख्यमंत्री सचिवालय की पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया जेल में बंद है। चौरसिया को ईडी ने दो दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 15 दिसंबर को उन्हें निलंबित कर दिया गया था। कोयला लेवी केस में गिरफ्तार सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका इससे पहले बिलासपुर हाईकोर्ट खारिज कर चुका है।
ईडी ने इस मामले में सूर्यकांत तिवारी, कोल वॉशरी संचालक सुनील अग्रवाल, आईएएस समीर बिश्नोई, आईएएस रानू साहू, सौम्या चौरसिया (Saumya Chaurasia) समेत अन्य को अलग-अलग तारीख़ों पर गिरफ्तार किया था। ईडी का आरोप है कि ये स्कैम करीब पांच सौ करोड़ रुपए का था। इस लेवी से हासिल राशि से चल-अचल संपत्तियां अर्जित की गईं, जिनमें कई बेनामी भी हैं।
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने ज़मानत याचिका पर फैसला सार्वजनिक करते हुए डायस से कहा है कि सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज की जाती है। जजमेंट सार्वजनिक करते हुए शीर्ष अदालत ने कड़ी टिप्पणी की है और याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसके पहले हाईकोर्ट भी जमानत याचिका खारिज करते हुए कड़ी टिप्पणी कर चुका है।
सौम्या चौरसिया (Saumya Chaurasia) समेत कुछ आरोपियों को जेल में विशिष्ट सुविधाओं को देने और ईडी अधिकारियों की रैकी किए जाने का आरोप लगाते हुए ईडी की ओर से हाईकोर्ट में तत्कालीन भूपेश सरकार के खिलाफ सीबीआई जांच कराए जाने की याचिका दायर की गई है। यह याचिका हाईकोर्ट में लंबित है।