बरमकेला। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण को लेकर कोई सुनने वाला नहीं है। इस क्षेत्र जनप्रतिनिधि के आंख मूंद लेने से ठेका निर्माण एजेंसियों द्वारा कोताही बरती जा रही है। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ेगा। इसी का ग़ुस्सा गुरुवार को फूट कर सामने आया। डेढ़ सौ की आबादी का गांव छेलफोरा के ग्रामीण युवकों ने जागरूकता का परिचय दिया। बरमकेला के नौघटा – छेलफोरा पहुंच मार्ग के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क व विकास योजना के तहत डामरीकरण के दौरान घटिया निर्माण होते देख गांव के ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए दो घंटे तक कार्य को रोकवा दिया। बाद में योजना के सब इंजीनियर विभुति प्रधान ने मौके पर आकर निर्माण कार्य की जायजा लिया और गुणवत्ता पूर्वक कराने के आश्वासन पर माहौल शांत हुआ। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क व विकास योजना के तहत नौघटा से छेलफोरा तक एक किलोमीटर हेतु 35.54 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। संबंधित ठेकेदार द्वारा इस सड़क का निर्माण पिछले चार महीने से धीमी गति से कराई जा रही है। निर्माण के शुरुआती दौर से मानक मापदंड की अनदेखी कर किया जा रहा है। कई बार निर्माण को लेकर छेलफोरा गांव के ग्रामीणों ने आपत्ति जताई। इसके बाद भी निर्माण में लापरवाही बरती जाने लगा। ऐसे में गुरुवार को प्रथम लेयर का डामरीकरण के तहत बीएमसी के दौरान बड़े बड़े गिट्टी डालकर किया जा रहा था। जिसे देख छेलफोरा के ग्रामीणों ने हंगामा मचा दिया और मौके पर निर्माण कार्य को बंद करने कहा गया। गांव के पंच महेश डनसेना, पंच घसिया सिदार , नितीन पाणिग्राही , छत्रमणि डनसेना, दिलीप पटेल, बजरंग डनसेना, जितेश डनसेना , डमरु डनसेना का कहना था कि मानक मापदंड के विपरीत डामर के साथ 20 एम एम की गिट्टी को बिछाने से सड़क की घटियापन स्पष्ट दिख रहा है और बहुत जल्द उधड़ जाएगा। जबकि ठेकेदार के कर्मचारियों ने इस बात नकार दिया। इसके बाद ग्रामीणों का ग़ुस्सा बढ़ गया और कार्य को बंद करा दिया।इसकी सूचना योजना के अधिकारियों को दी गई। मौके पर सब इंजीनियर विभुति प्रधान पहुंचे और ठेकेदार के कर्मचारियों को खरी खोटी सुनाई और तत्काल मटेरियल को सुधार कर कार्य शुरू कराया। हालांकि इसके पहले ग्रामीणों व सब इंजीनियर के मध्य आधे घंटे तक बहसबाजी होती रही। बाद ग्रामीणों ने नियमानुसार सड़क बनाने के आश्वासन के बाद शांत हुए।
बिना तकनीकी अधिकारी के चल रहा निर्माण : दो दिन पहले ही इस सड़क पर डामरीकरण के लिए काम प्रारंभ किया गया है। उस दौरान योजना के अधिकारी कुछ देर रुके थे तो बढ़िया कार्य होने लगा था। किंतु दो दिन तक ठेका कर्मियों के भरोसे से सड़क निर्माण होने लगा और निर्माण में अनियमितता बरती जाने लगा। आमतौर पर देखा गया है कि सड़क निर्माण कार्यों में बिना तकनीकी अधिकारी के निर्माण कार्य को छोड़ दिया जाता है। यहां भी इस सड़क निर्माण को भी बिना तकनीकी अधिकारी के कराया जा रहा है।
” सड़क निर्माण के दौरान बीएमसी के लिए छोटे – बड़े साइज के गिट्टी होना चाहिए। ऐसा नहीं किया जा रहा था। ग्रामीणों का आरोप था कि बड़े व मोटा डामरीकरण नहीं हो रहा है। जबकि जांच में फिटनेस सही है। मटेरियल सुधार कर गुणवत्ता के साथ कार्य कराने को बोला गया है।
विभुति प्रधान, सब इंजीनियर मुख्यमंत्री ग्राम सड़क व विकास योजना, रायगढ़ .