रायपुर। सीएम भूपेश बघेल ने आज राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘गोधन न्याय योजना’ के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 5 करोड़ 32 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी किया। इसके अंतर्गत 16 मार्च से 31 मार्च तक खरीदे गए 1 लाख 45 हजार क्विंटल गोबर के एवज में 2 करोड़ 91 लाख रूपए का भुगतान किए जाने के साथ ही गौठान समितियों को 1.43 करोड़ रूपए और महिला समूहों को 98 लाख रूपए की लाभांश राशि का वितरण शामिल है। सीएम ने कहा कि गोधन न्याय योजना में हम लोगों ने निरंतर उपलब्धियां हासिल की है, लेकिन राज्य में स्वावलंबी गौठानों की संख्या में जिस तेजी से वृद्धि हो रही है, वह हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इस योजना का मुख्य उद्देश्य ही अपने गांवों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना है। उन्होंने योजना के माध्यम से गांवों के विकास को मिल रहे नये-नये आयाम की सराहना भी की।
गोबर से बिजली उत्पादन पर जोर : मुख्यमंत्री ने बताया कि गौठान समितियों को स्वावलंबन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए स्वावलंबी गौठान समिति के अध्यक्षों को 750 रुपए और सदस्यों को 500 रुपए हर महीने प्रोत्साहन राशि देने का अहम निर्णय लिया है। मेरी सभी गौठान समितियों से अपील है कि वे भी तेजी से स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ें और प्रोत्साहन का अधिक से अधिक लाभ उठाएं। सीएम ने वर्मी कम्पोस्ट के साथ-साथ प्राकृतिक पेंट निर्माण, गौ-मूत्र निर्माण तथा बिजली उत्पादन आदि कार्यां का उल्लेख करते हुए जिन गौठानों में प्रतिदिन 5 क्विंटल से अधिक गोबर खरीदी हो रही है, वहां बिजली उत्पादन इकाई की स्थापना के लिए विशेष पहल करने जोर दिया।
आर्थिक सर्वे व बेरोजगार भत्ते की चर्चा : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में एक अप्रैल से गांवों में सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण भी शुरू किया गया है, क्योंकि 2011 के बाद से जनगणना ही नहीं हो पाई है। इस सर्वेक्षण से नये हितग्राही भी चिन्हित होंगे। उन्हें भी आवास, गैस सिलेंडर, शौचालय जैसी योजनाओं का लाभ मिल पाएगा। साथ ही 01 अप्रैल से ही शिक्षित बेरोजगारों से बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन लेना भी शुरू कर दिया है। इसके लिए उन्हें ऑन लाइन आवेदन की सुविधा दी गई है। पहले ही दिन 6000 से ज्यादा बेरोजगारों के आवेदन मिले, जिसे उसी दिन मंजूर भी कर लिया गया।