रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं व अफसरों पर ईडी कार्रवाई के विरोध में एक बार फि र रायपुर के ईडी दफ्तर का घेराव करने कांग्रेस नेता पहुंचे। इस बार डीजे लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे थे। ईडी की कार्रवाई के विरोध में महापौर एजाज ढेबर, और प्रमोद दुबे के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हुआ। कांग्रेसियों का कहना है कि, हमारे नेताओं को टारगेट किया जा रहा है। जबरदस्ती परेशान किया जा रहा, जबकि अडानी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता भी पहुंची थीं। महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन के दौरान अपनी चूडिय़ां लहराई और कहा कि, ईडी के अफ सरों को चूड़ी पहन लेनी चाहिए। ये कहते हुए महिला कार्यकर्ता जमकर नारेबाजी करती रहीं। इसके पहले रायपुर के राजीव भवन में पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, रायपुर नगर निगम के मेयर एजाज ढेबर व छग कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। राजीव भवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस अधिवेशन को बाधित करने के लिये केन्द्र की मोदी सरकार ने अनेकों हथकंडे अपनाए। हमारे नेताओं के यहां ईडी के छापे मारे, नेताओं को अधिवेशन में आने से रोका गया था। हमारे अधिवेशन की तैयारी में जुटे नेताओं को टारगेट किया ताकि अधिवेशन असफ ल हो। यही नहीं अधिवेशन में काम करने वाले कारोबारी के यहां भी ईडी वाले गये उनके लाखों कोशिशों के बावजूद कांग्रेस का अधिवेशन ग्रैंड सफ ल रहा। देश भर से अतिथि आये कांग्रेस के अधिवेशन की तारीफ करके गए। भाजपा की मोदी सरकार ने अधिवेशन को रोकने के लिये जो हथकंडे अपनाया वह तो अंग्रेज भी नहीं अपनाते थे। आजादी के पहले कांग्रेस के 58 अधिवेशन हुए कांग्रेस ने आजादी की लड़ाई के लिये अपने हर अधिवेशन में अंग्रेजी सरकार के खिलाफ अनेकों प्रस्ताव पारित किया। इसके बावजूद अंग्रेजी सरकार ने कांग्रेस के अधिवेशन पर रोक नहीं लगाया था।
पीएम मोदी की बोलती बंद हो जाती है : भाजपा की केंद्र सरकार का चरित्र इतना आलोकतांत्रिक है कि वह विपक्ष का अधिवेशन बर्दाश्त नहीं कर पा रही। कांग्रेस के अधिवेशन में उठाये गये सवालों का भाजपा के पास मोदी के पास कोई जवाब नहीं है। अडानी के घोटाले का मोदी के पास कोई जवाब नहीं। उन्हें बीमार सोनिया गांधी पर छाता लगाये जाने पर आपत्ति है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को अमित शाह धकियाते है तो मोदी की बोलती बंद रहती है।
लोगों की जमा पूंजी लूटी गई : कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा शासनकाल के दौरान अनेकों बड़े-बड़े घोटाले हुए इनमें से दो महत्वपूर्ण घोटाले थे 36,000 करोड़ का नान घोटाला तथा दूसरा 6,000 करोड़ रू. से अधिक का चिटफं ड घोटाला। नान घोटाले में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और उनके परिजनों के संलिप्त होने के प्रमाण नान डायरी में आये। भाजपा शासनकाल में हुए हजारों करोड़ों के ”नॉन घोटालेÓÓ की जांच के लिये ईडी द्वारा वर्ष 2019 में प्रकरण दर्ज किया गया था। सीएम भूपेश बघेल द्वारा रमन सिंह एवं उनके परिवार की ”नॉन घोटालेÓÓ में शामिल होने एवं लाभान्वित होने के सभी क्रमांक कई माह पहले ही दिये जा चुके हैं। उसी तरह वर्ष 2008 से 2018 के बीच पूरे राज्य में रमन सरकार के संरक्षण में लाखों गरीब परिवारों के खून-पसीने की जमा पूंजी चिटफ ंड कंपनियों द्वारा लूटी गयी है। इन मामलों में ईडी कार्रवाई नहीं करेगी तो ईडी कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना आरंभ किया जाएगा और हमारा धरना तब तक जारी रहेगा जब तक नान घोटाले तथा चिटफं ड घोटाले के भाजपा नेताओं के विरुद्ध कार्यवाही नहीं की जाती।
मेयर ने कहा तिवारी जैसे बिजनेसमैन को परेशान कर रहे : महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि विगत लगभग 8 माह से छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को बदनाम करने मात्र के उद्देश्य से केन्द्र सरकार व राज्य की भाजपा के ईशारे पर ईडी द्वारा 600 करोड़ के कोयला घोटाला होने की काल्पनिक कहानी बनायी गयी है। कहानी में कथित कोल स्कैम का सूत्रधार सूर्यकांत तिवारी को बताया गया है तथा छल-कपट- बलपूर्वक यह सिद्ध करने का षड्यंत्र किया जा रहा है । ईडी की कहानी में सच्चाई होती तो उनके अधिकारियों को थर्ड ग्रेड हथकन्डे नहीं अपनाने पड़ते। अधिकारियों के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद भी अभी तक फ र्जी कहानियों को प्रमाणित नहीं किया जा सका है। इसी हताशा में ई.डी. द्वारा अब कांग्रेस के नेताओं को टार्गेट कर उनके विरूद्ध झूठे प्रकरण बनाये जा रहे हैं। पूरे छत्तीसगढ़ राज्य की जनता यह जानती है कि सूर्यकांत तिवारी के डॉ. रमन सिंह और राज्य भाजपा के प्रमुख नेताओं से घनिष्ट संबंध रहें है और उन्ही के शासन में सूर्यकांत तिवारी ने कोयला व्यापार शुरू किया। सूर्यकांत तिवारी एवं जोगेन्दर द्वारा वर्ष 2010 से अडानी समूह के कोल व्यापार से संबंध होकर उनके लिये कोल व्यापार आरंभ किया। विगत 3-4 वर्षों में अडानी समूह की भागीदारी में लगभग 100 मैट्रिक टन कोयले का परिवहन सूर्यकांत एवं जोगेन्दर द्वारा किया गया। इससे सूर्यकांत तिवारी, जोगेन्दर एवं अडानी समूह को 100-100 करोड़ का लाभ हुआ, अडानी समूह को उनके लाभ के हिस्से की पूरी राशि सूर्यकांत तथा जोगेन्दर द्वारा हवाले के माध्यम से भेजी गयी है। सूर्यकांत तिवारी एवं जोगेन्दर द्वारा अपने निकट मित्रों एवं संबंधियों को उक्त जानकारी स्वयं ही दी थी।