बिजनेस डेस्क। महंगाई में एक बार फिर आए उछाल के चलते भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की चिंता भी बढ़ने लगी है. ऐसे में आम आदमी को फिर से झटका लग सकता है. हम बात कर रहे हैं, महंगे कर्ज को लेकर. दरअसल, देश में खुदरा महंगाई दर बीते महीने फिर बढ़कर 6.52% पर पहुंच गई. इसके चलते उम्मीद है रेपो रेट में एक और इजाफे की संभावना भी बढ़ गई है. RBI ने भी संकेत दिया है कि मुद्रास्फीति को लेकर काफी अनिश्चितता बनी हुई है. अगर केंद्रीय बैंक एक और सख्त कदम उठाती है, तो लोन की ईएमआई में फिर इजाफा हो जाएगा.
बढ़ती महंगाई चिंता का सबब : साफ शब्दों में कहें तो देश की जनता को महंगे कर्ज से राहत मिलती हाल-फिलहाल नजर नहीं आ रही है. भारतीय रिजर्व बैंक ने फरवरी की शुरुआत में बुलाई इस साल की MPC बैठक के बाद रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी थी. हालांकि, महंगाई रिजर्व बैंक के दायरे में आ चुकी थी. मगर अब फिर से महंगाई तय लक्ष्य से ऊपर पहुंच गई तो पूरी संभावना है कि एक बार फिर RBI की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला लिया जा सकता है.
ब्याज दरों में इजाफे की गुंजाइश : वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते महंगाई दर में फिर से आए उछाल ने आरबीआई की चिंता भी बढ़ा दी है. बुधवार को जारी एमपीसी की बैठक के ब्योरे के मुताबिक, गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस दौरान जो संकेत दिए उनसे ऐसा कहा जा सकता है कि वो एक बार फिर से जनता को महंगाई का झटका दे सकते हैं. उन्होंने ब्योरा पेश करते हुए कहा भी है कि बढ़ती कीमतों और महंगाई के कारण मुद्रास्फीति को लेकर काफी अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. उन्होंने कहा कि इसे काबू में करने के लिए आने वाले दिनों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गुंजाइश बन रही है. अगली एमपीसी की बैठक में रिजर्व बैंक एक बार फिर रेपो रेट में 0.25 फीसदी या 25 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा कर सकता है. RBI अगर ये फैसला लेती है, तो फिर रेपो रेट बढ़कर 6.75 फीसदी पर पहुंच जाएगा. ये फैसला जनता पर कर्ज का बोझ बढ़ने वाला साबित होगा. रेपो रेट बढ़ने से होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन समेत सभी तरह के कर्ज महंगे हो जाएगे और ज्यादा ईएमआई भरनी होगी.
बीते साल मई से ऐसे बढ़ा रेपो रेट : गौरतलब है कि बीते साल मई से अब तक रिजर्व बैंक रेपो रेट में 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है. उच्च स्तर पर पहुंची महंगाई दर को काबू में करने के लिए 2022 में ही लगातार पांच बार इसमें इजाफा किया गया था. इसका असर भी दिखाई दिया और महंगाई दर काबू में आ गई, फिर भी फरवरी 2023 में केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों को बढ़ाने का फैसला किया था. रेपो रेट में की गई बढ़ोतरी पर नजर दौड़ाएं तो मई 2022 में 0.40%, जून 2022 में 0.50%, अगस्त 2022 में 0.50%, सितंबर 2022 में 0.50% और दिसंबर 2022 में 0.35% की बढ़ोतरी की गई थी. इसके बाद फरवरी 2023 में फिर से 0.25% इजाफा किया गया.
रेपो रेट बढ़ने से बढ़ती है EMI : आरबीआई द्वारा तय किया गया रेपो रेट सीधे तौर पर बैंक लोन को प्रभावित करता है. इसमें कमी आने पर लोन सस्ता हो जाता है और इसमें इजाफा होने के बाद बैंक भी अपना कर्ज महंगा कर देते हैं. इसका असर होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन सभी तरह का लोन पर पड़ता है. यहां ये समझना जरूरी है कि रेपो रेट (Repo Rate) वह दर होती है जिस पर आरबीआई (RBI) बैंकों को कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है. रेपो रेट के कम होने से लोन की EMI घट जाती है, जबकि रेपो रेट में बढ़ोतरी से सभी तरह का Loan महंगा हो जाता है और इसी क्रम में ईएमआई में भी इजाफा देखने को मिलता है.