जशपुर। छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक में खेल के दौरान एक खिलाड़ी की मौत हो गई है। करीब एक महीने तक रायगढ़ के जिंदल अस्पताल में इलाज के बावजूद खिलाड़ी की जान नहीं बचाई जा सकी। कबड्डी खिलाड़ी समारू केरकेट्टा की माैत पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। श्री बघेल ने स्व. श्री केरकेट्टा के परिजनों के लिए 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। उन्होंने जिला प्रशासन को शोकाकुल परिवार की हर संभव सहायता के लिए निर्देशित किया है। बता दें कि पिछले एक महीने के दौरान ये तीसरी घटना है। इसके पहले रायगढ़ के घरघोड़ा व कोंडागांव जिले में एक-एक खिलाड़ी की मौत हो चुकी है। छत्तीसगढ़ जशपुर जिले के फरसाबहार ब्लॉक के ग्राम सुंडरू में जोन स्तरीय छग ओलंपिक प्रतियोगिता का आयोजन बीते माह किया गया था। 17 अक्टूबर को इस प्रतियोगिता में कबड्डी खेल रहे ग्राम घुमरा निवासी समारू केरकेट्टा 28 वर्ष घायल हुआ था। घायल समारू को उपचार के लिए पहले फरसाबहार सीएचसी ले जाया गया था। जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे रायगढ़ रेफर कर दिया गया था। डॉक्टरों ने बताया कि समारू के कमर व गर्दन में गंभीर चोट आई थी, जिससे उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। जिला प्रशासन की मदद से 17 अक्टूबर को ही समारू को रायगढ़ के जिंदल अस्पताल मेें भर्ती किया गया था। करीब एक माह तक रायगढ़ के जिंदल अस्पताल में उसका उपचार चला। पर उसे सांस लेने में हो रही परेशानी दूर नहीं हो सकी। अंतत: 16 नवंबर को समारू ने दम तोड़ दिया।
दोपहर 1.15 बजे हुई मौत : रायगढ़ जिन्दल अस्पताल के डाक्टर से प्राप्त जानकारी के अनुसार 16 नवंबर की दोपहर 1 बजकर.15 मिनट पर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में घायल समारू का निर्धन हो गया। जिला प्रशासन ने समारू को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही थी। कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने समारू को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि समारू के परिवार को जिला प्रशासन पूरा सहयोग करेगा उन्हें किसी भी चीज की कमी नहीं होने देंगे। जिला प्रशासन का दावा है कि घायल समारू केरकेट्टा के बेहतर स्वास्थ्य लाभ हेतु प्रशासन लगातार हरसंभव मदद प्रदान कर रही थी। समारू एवं उनके परिजनों का पूर्ण ख्याल प्रशासन द्वारा रखा जा रहा है। साथ ही उनकी हर संभव मदद भी की जा रही है। समारू को प्राथमिक उपचार प्रदान कर तत्काल फोर्टिस जिंदल हॉस्पिटल रायगढ़ में बेहतर इलाज के लिए भर्ती किया गया था। साथ ही कलेक्टर द्वारा हॉस्पिटल प्रबंधन तथा डॉक्टर से नियमित रूप से समारू के स्वास्थ्य की जानकारी लेकर इलाज के सम्बंध में चर्चा की जाती थी।