Friday, November 22, 2024
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वृक्षारोपण को जन-जन से जोडऩे, सांस्कृतिक विरासत को सहेजने विकसित किए जा रहे ‘कृष्ण-कुंज : सीएम

रायपुर। सीएम भूपेश बघेल ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर राजधानी रायपुर के तेलीबांधा में विकसित किए गए कृष्ण-कुंज को लोकार्पित किया। यहां 1.68 हेक्टेयर क्षेत्र में सांस्कृतिक एवं जीवनोपयोगी 383 वृक्षों का रोपण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कदंब का पौधा लगाया। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों को जन्माष्टमी की बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कृष्ण-कुंज में गाय को गुड़-चना खिलाया। उन्होंने वहां श्री कृष्ण जन्मस्थली कारागार की प्रतिकृति की दीवार पर बनाए गए आठे कन्हैया के भित्ती चित्र की पूजा-अर्चना की और तिलक लगाकर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने श्री कृष्ण भगवान को झूला भी झुलाया। उन्होंने श्री कृष्ण का रूप धरे बच्चे को गोद में उठाकर दही मटकी फ ोड़वाई। मुख्यमंत्री ने आमजनों की सहुलियत को ध्यान में रखते हुए तेलीबांधा के नवनिर्मित कृष्ण-कुंज के पास की शासकीय शराब दुकान को हटाकर अन्यत्र स्थानांतरित करने के निर्देश मौके भी कलेक्टर को दिए। इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया, महापौर एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, विधायक सत्यनारायण शर्मा, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भूरे, नगर निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी सहित निगम के एमआईसी सदस्य एवं पार्षद तथा बड़ी संख्या श्रद्धालु जन भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने कृष्ण कुंज में लगाया कदम्ब का पौधा

अंधाधुंध कटाई से अस्तित्व खत्म हो रहा : सीएम ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों के 162 स्थानों में विकसित कृष्ण-कुंज में बरगद, पीपल, कदंब जैसे सांस्कृतिक महत्व के एवं जीवनोपयोगी आम, इमली, बेर, गंगा इमली, जामुन, गंगा बेर, शहतूत, तेंदू ,चिरौंजी, अनार, कैथा, नीम, गुलर, पलास, अमरूद, सीताफल, बेल, आंवला के वृक्षों का रोपण किया जा रहा है। वृक्षारोपण को जन-जन से जोडऩे, सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए प्रदेश में ‘कृष्ण-कुंजÓ विकसित किए जा रहे हैं। विगत वर्षों में शहरीकरण की वजह से हो रही अंधाधुंध पेड़ों की कटाई से इन पेड़ों का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है। आने वाली पीढिय़ों को इन पेड़ों के महत्व से जोडऩे के लिए ‘कृष्ण-कुंजÓ की पहल की जा रही है।

शहरी वातावरण को शुद्ध रखने और सांस्कृतिक महत्व के पेड़ों को सहेजने की अनोखी पहल

 

पेड़ों को सहेजने की अनोखी पहल : शहरी वातावरण को शुद्ध रखने और सांस्कृतिक महत्व के पेड़ों को सहेजने की अनोखी पहलउल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की पहल पर छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय क्षेत्रों में Óकृष्ण कुंजÓ विकसित किए जा रहे हैं। जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण कुंज में मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को Óकृष्ण-कुंजÓ विकसित करने के लिए वन विभाग को न्यूनतम एक एकड़ भूमि का आबंटन करने के निर्देश दिए हैं। अब तक राज्य के 162 स्थलों को Óकृष्ण कुंजÓ के लिए चिन्हांकित कर लिया गया है। कृष्ण कुंज को विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए सभी निकायों में एकरूपता प्रदर्शित करने हेतु बाउंड्रीवाल गेट पर लोगो का डिजाईन एक समान तैयार किया गया है।

शहरी वातावरण को शुद्ध रखने और सांस्कृतिक महत्व के पेड़ों को सहेजने की अनोखी पहल