Tuesday, November 26, 2024
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फिर 5 साल का बच्चा बोरवेल में गिरा, बारिश के बीच प्रशासन ने शुरु किया रेस्क्यू ऑपरेशन, खेलते समय अपने खेत के सूखे बोरवेल में गिरा बच्चा, 40 फीट पर अटका

न्यूज डेस्क। आज दोपहर 2.30 बजे 5 साल का बच्चा खेलते समय अपने ही खेत पर खुले छूटे सूखे बोरवेल में गिर गया। सूचना मिलने पर प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु कर दिया है। बच्चा बोरवेल में 40 फीट की उंचाई पर अटका हुआ है। बोरवेल में गिरने का यह मामला छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य एमपी के छत्तरपुर जिले के नारायणपुरा गांव की है। सीसीटीवी कैमरे की मदद से बच्चे की पोजिशन देखकर रेस्क्यू के लिए समांनांतर गड्ढा खोदने के लिए तीन जेसीबी मशीनें लगाई गई है। बच्चे को ऑक्सीजन देने के साथ ही उसका ढांढस बंधाने के लिए परिजनों से लगातार बात भी कराई जा रहा है। हालांकि बारिश के चलते शुरु के दो घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी आई, लेकिन बाद में प्रशासन की टीम ने ऑपरेशन की गति बढ़ा दी है, वहीं मुख्यमंत्री जिला प्रशासन से रेस्क्यू ऑपरेशन की लगातार अपडेट ले रहे हैं।

 

एसडीआरएफ समेत प्रशासन रेस्क्यू ऑपरेशन में
छतरपुर शहर से लगे नारायणपुरा गांव निवासी अखिलेश यादव का 5 वर्षीय बेटा दीपेन्द्र यादव बुधवार की दोपहर परिवार के साथ अपने खेत पर गया था। जहां खेलते समय दीपेंद्र यादव बोरवेल में गिर गया है। घटना की जानकारी लगने पर मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई है। पुलिस व प्रशासन की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु किया। बच्चे को बचाने के लिए रेस्क्यू टीम के करीब 150 लोग लगे हैं। इसमें एसडीआरएफ, पुलिस, नगर पालिका और नगर सेना की टीम शामिल है। इसके अलावा करीब 300 से ज्यादा ग्रामीण भी मदद के लिए मौजूद हैं।

 

कैमरे से रखी जा रही बच्चे की हलचल पर नजर
बोरवेल में सीसीटीवी कैमरा डाला गया है। वहीं वहीं, तीन जेसीबी से बोरवेल से करीब 7 फीट दूर से खुदाई की जा रही है। कलेक्टर संदीप जीआर ने बताया कि बच्चा 40 फीट पर फं सा है। बोरवेल के सामानांतर खुदाई की जा रही है। बच्चे को ऑक्सीजन सप्लाई दी जा रही है। बारिश के कारण कीचड़ हो गई है।इससे रेस्क्यू में थोड़ी दिक्कत आ रही है। पूरी टीम सुरंग बनाकर बच्चे को सुरक्षित निकालने की कोशिश में जुटे हैं।

 

एक साल पहले खोदा गया था बोर
दीपेन्द्र की मां लक्ष्मी यादव ने मीडिया को बताया कि उन्होंने बताया कि एक साल पहले ही खेत पर बोर करवाया था। पानी नहीं निकलने के कारण बोरवेल को कंटीली झाडिय़ां रखकर बंद कर दिया गया था। बारिश के पहले फ सल बोने के लिए खेत बनाने झाडिय़ों को हटाया गया था। उनके दो बेटे हैं, दीपेन्द्र छोटा है, जो बुधवार की दोपहर अपने दादा जी के साथ खेत पर गया था। वहां खेलते हुए वह बोरवेल के पास गया और हादसा हो गया।

 

छत्तीसगढ़ के पिहरीद में कुछ दिन पहले घटी थी घटना
बता दें कि छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के पिहरीद गांव में 10 वर्षीय राहुल साहू भी अपने घर के पीछे स्थित बोरवेल में गिरा था। 1०४ घंटे के रेक्स्यू ऑपरेशन के बाद राहुल को सुरक्षित निकाला गया था। यह देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन था। १०४ घंटे तक बोरवेल में फंसे रहने की वजह से उसकी तबीयत खराब थी। उसे इलाज के लिए बिलासपुर को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां चार दिन पहले ही पूरी तरह से स्वस्थ्य होकर अपने घर लौटा है। यह घटना देश भर में सुर्खियां बनी थी। बावजूद इसके देश प्रदेश में बोरवेल को लेकर सरकारें गंभीर नजर नहीं आ रहीं।