गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला मुख्यालय का शासकीय बालक स्कूल अपनी हालत में आंसू बहा रहा है। इसी सरकारी स्कूल में जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव आयोजित की गई थी। इस दौरान स्कूल के बरामदे का छत का प्लास्टर अचानक भरभराकर गिर गया। जिसके कि शाला प्रवेशोत्सव में मौजूद नवप्रवेशी बच्चे, अतिथिगण, अधिकारी सहित शिक्षक-शिक्षिकाएं बाल-बाल बचे। गरियाबंद जिला मुख्यालय स्थित शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में गुरुवार को जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसके साथ ही प्रदेश स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव को वर्चुअल माध्यम से मनाया जा रहा था। इस स्कूल के हाल में बड़ी संख्या में नवप्रवेशी बच्चों के अलावा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सहित जिले के आला अफ सर और शिक्षक-शिक्षिकाएं भी मौजूद थे। इसी दरम्यान स्कूल के हाल से लगे बरामदे का छत का प्लास्टर अचानक भरभराकर गिर गया। मालूम हो कि शाला प्रवेशोत्सव के दौरान बारिश हो रही थी। जर्जर स्कूल की हालत देखते ही बन रही थी, जिसे कार्यक्रम में मौजूद अतिथिगण, अधिकारी, शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं बच्चों ने अपनी खुली आंखों से भी देखा। वहीं जब शाला प्रवेशोत्सव में अतिथि नवप्रवेशी बच्चों को तिलक और मुंह मिठाकर गणवेश-पुस्तक वितरण कर रहे थे, उस दौरान भी हाल के छत से पानी टपकता रहा था। अच्छी बात यह रही कि जब छत का प्लास्टर गिरा तब उस जगह से कोई आना-जाना नहीं कर रहा था।
हो रही थी जमकर बारिश : शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम के दौरान बारिश हो रही थी, जिससे कि हाई स्कूल के जर्जर भवन के छत से पानी टपक रहा था। जर्जर भवन की हालत जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों ने भी देखा। बताया जाता है कि स्कूल भवन की मरम्मत समय-समय पर कराई गई है। इसके बावजूद स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। यह हालत आठ से दस सालों से बनी हुई है। जहां बच्चे जान-जोखिम में डालकर पढ़ाई करने मजबूर हैं। भवन के नए बनने के बाद ही इस समस्या से निजात मिल पाएगी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति ठाकुर, उपाध्यक्ष संजय नेताम, सीईओ रोक्तिमा यादव, जिला शिक्षा अधिकारी करमन खटकर, जिला मिशन समन्वयक श्याम चंद्राकर, सेवाराम गुप्ता, श्रद्धा राजपूत सहित शिक्षक-शिक्षिकाएं और बड़ी संख्या में बच्चे मौजूद थे।
1970 में बना है स्कूल भवन : गरियाबंद के शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का यह भवन सन 1970 में बना है। यह भवन काफ ी पुराना है, जिसकी वजह से इसकी दीवार और छतें जर्जर हो चुकी है। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि भवन का समय-समय पर लघु मरम्मत कराए गए हैं। इसके साथ ही जर्जर हालत को लेकर अधिकारियों को पत्र व्यवहार कर जानकारी दी गई थी। बताया गया कि भवन के जीर्णोद्धार के लिए एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत हुई है। वहीं स्कूल संचालन के लिए परिसर पर नवीन भवन का भी निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। जिसके बाद जर्जर हो चुके स्कूल भवन के जीर्णोद्धार के कार्य शुरू किए जाएंगे।
स्कूल भवन बहुत पुराना है। समय-समय पर लघु मरम्मत के कार्य कराए गए हैं। स्कूल के जर्जर भवन को लेकर अधिकारियों को कई बार पत्र-व्यवहार कर ध्यानाकर्षण कराए गए थे। भवन के जीर्णोद्धार के लिए राशि जारी हो गई है। जल्द ही कार्य प्रारंभ किए जाएंगे।
वंदना पाण्डेय, प्राचार्य
स्कूल भवन के जीर्णोद्धार के लिए शासन से एक करोड़ 39 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। जल्द ही इसके कार्य प्रारंभ कर दिए जाएंगे।
करमन खटकर, जिला शिक्षाधिकारी।