शिमला। हिमाचल प्रदेश में लंबी उठापटक के बाद मुख्यमंत्री का नाम तय हो गया है। सुखविंदर सिंह सुक्खू राज्य के नए सीएम होंगे। उनके साथ प्रतिभा सिंह खेमे से मुकेश अग्निहोत्री को डिप्टी सीएम बनाया गया है। रविवार को 11 बजे शपथग्रहण होगा। हिमाचल में 8 दिंसबर को चुनाव नतीजे आने के बाद से ही कांग्रेस में सीएम के नाम को लेकर घमासान जारी था। 40 सीटें जीतकर बहुमत हासिल करने वाली कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह भी की सीएम दावेदारी कर रही थीं। हालांकि, विधायकों से रायशुमारी के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू इस दौड़ में आगे निकल गए थे। कांग्रेस हाईकमान ने भी उनके नाम पर मुहर लगा दी थी, लेकिन प्रतिभा सिंह को कांग्रेस हाईकमान का ये आदेश रास नहीं आयी। उन्होंने सुक्खू के नाम पर असहमति जता दी। वे अपने खेमे से मुकेश अग्निहोत्री को मुख्यमंत्री बनाने पर अड़ गईं। सुक्खू का नाम आगे बढऩे पर प्रतिभा सिंह गुट के लोगों ने सड़क पर धरना दिया और हाईकमान के खिलाफ नारेबाजी की।
सांसद होने के चलते कमजोर पड़ी दावेदारी : प्रतिभा सिंह के सांसद होने की वजह से दावेदारी कमजोर पड़ी है, जिसके बाद प्रतिभा अब अपने खेमे के मंत्रियों को लेकर लंबी बातचीत की। जब बात नहीं बनी तो उन्होंने अपने बेटे विक्रमादित्य सिंह को डिप्टी सीएम बनाने की मांग पर अड़ गई। साथ ही अपने खेमे के विधायकों के लिए ज्यादा मंत्रीपद मांगी। सूत्रों की माने तो बगावत को देखते हुए हाईकमान ने उनकी मांगें मान ली। जिसके बाद ही सुखविंदर सुक्खू के नाम पर मुहर लगी।
5वीं बार चुनाव जीते हैं सुखविंदर सिंह : 58 वर्षीय सुखविंदर सिंह सुक्खू कांग्रेस कैंपेन कमेटी के प्रमुख हैं. वह हिमाचल में रिकॉर्ड 5वीं बार विधायक चुने गए हैं. इस बार उन्होंने बीजेपी के विजय अग्निहोत्री को 3363 मतों के अंतर से हराया है. 26 मार्च 1964 को जन्मे सुखविंदर सिंह की पत्नी का नाम कमलेश ठाकुर है. उनकी दो बेटियां हैं. उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पीजी और एलएलबी की पढ़ाई की है. सुक्खू ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में तब की थी जब वह सरकारी कॉलेज संजौली, शिमला में छात्र थे. वे कॉलेज छात्र संघ के महासचिव और अध्यक्ष रहे. वह 1989 से 1995 के बीच हृस्ढ्ढ के अध्यक्ष रहे. 1999 से 2008 के बीच वे युवा कांग्रेस के प्रमुख भी रहे. सुक्खू दो बार शिमला नगर निगम पार्षद भी चुने गए थे. वह 2013 में हिमाचल कांग्रेस के प्रमुख के पद तक पहुंचे और 2019 तक राज्य इकाई के प्रमुख बने रहे. 2003, 2007 और 2017 में नादौन विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे.