रायपुर। 8 संगठनों के 1241 शिक्षकों के सामूहिक अवकाश लेकर तीन दिनों तक लगातार आंदोलन करने के बाद राज्य शासन ने महासमुंद जिले के सरायपाली के दोनों बीईओ आईपी कश्यप और एफए नंद दोनों को हटा दिया है। आईपी कश्यप को जहां महासमुंद डीईओ कार्यालय में अटैच किया गया है तो वहीं एफए नंद को उनके मूल पदस्थापना शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ताला में भेजा गया है। जबकि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बाराडोली सरायपाली के व्याख्याता प्रकाशचंद्र मांझी को सरायपाली का प्रभारी बीईओ के पद पर पदस्थ किया गया है।संभाग शिक्षण संचालनालय के इस आदेश के बाद फेडरेशन ने हड़ताल समाप्त करने की घोषणा कर दी। तीन दिनों बाद आज शुक्रवार से प्राइमरी व मिडिल स्कूल के शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में पढ़ाने पहुंच चुके हैं। बता दें कि कर्मचारियों से दुर्व्यवहार के मामले में तात्कालीन बीईओ आईपी कश्यप को निलंबित कर दिया था। इसके बाद पिथौरा ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक शाला ताला के एचएम एफए नंद को प्रभारी बीईओ सरायपाली बना दिया गया। जबकि नियमानुसार इस पद के लिए वे योग्य नहीं थे। इसी बात का विरोध करते हुए शिक्षक उन्हें हटाने के लिए लगातार आंदोलन करते रहे। दूसरी तरफ आईपी कश्यप गुपचुप तरीके से बहाल हो गए और वे सरायपाली बीईओ की कुर्सी संभालने पहुंच गए। जबकि निलंबन के दौरान उन्हें डीईओ कार्यालय अटैच कर दिया गया था। महासमुंद जिला प्रशासन ने सरकार के आदेश को मजाक बनाते हुए कश्यप को प्रशासनिक बीईओ और नंद को बीईओ का वित्तीय अधिकार दे दिया गया। छत्तीसगढ़ में यह एक मात्र मामला होगा जहां प्रशासन ने बीईओ के पद पर दो-दो लोगों को विराजमान करा दिया। जबकि इस पद पर बैठने के लिए एक अयोग्य था तो दूसरा शिक्षकों व कर्मचारियों से दुर्व्यवहार करने के मामले में ही निलंबित हुआ था। बावजूद इसके महासमुंद जिला मुख्यालय में बैठे ईमानदार अफसरों ने पोस्टिंग कर दी। जिसका खामियाजा सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को भुगतना पड़ा। क्योंकि इन दोनों को हटाने के लिए शिक्षक हड़ताल में चले गए और स्कूलों में ताला लटक गया। बहरहाल शिक्षक संगठन लड़ाई जीतने के बाद आज से अपने मूल कार्य में लौट चुके हैं।