गजानंद निषाद, बरमकेला। रायगढ़ जिले के बरमकेला तहसील क्षेत्रातंर्गत ग्राम पंचायत बोंदा के जोतपुर में निर्माणाधीन क्रशर की जांच के लिए बुधवार की दोपहर खनिज और राजस्व विभाग की टीम मौके पर जांच के लिए पहुंची। जांच के दौरान स्कूल व छात्रावास से महज 145 मीटर दूर ही क्रशर को निर्माणाधीन होना पाया गया। जांच के दौरान क्रशर निर्माण के लिए एनओसी देने वाले पंचायत के प्रतिनिधियों के सुर भी बदले बदले नजर आए। बता दें कि ग्रामीण इस क्रशर के खिलाफ लगातार विरोध कर रहे थे। शिकायत भी तहसीलदार, एसडीएम, खनिज विभाग और कलेक्टर रायगढ़ से की गई थी, लेकिन अफसर चुप्पी साध रहे थे, जिस पर राजधानी टाइम्स द्वारा ग्रामीणों की आवाज बनकर लगातार खबर प्रकाशित की गई जिसके बाद बुधवार को अफसर मौका मुआयना करने पहुंचे। पिछले सप्ताह से ग्राम पंचायत बोंदा के जोतपुर में निर्माणाधीन क्रशर (आर्यन मिनरल्स) को लेकर स्कूल प्रबंधन व अन्य ग्रामीणों ने इसके विरोध में आ गए थे और इसकी शिकायत भी ग्रामीणों ने की लेकिन कोई कारवाई नहीं होने पर मंगलवार को सीधा कलेक्ट्रेट पहुंचकर पुनः जांच की मांग आला अधिकारियों से की। इसके बाद खनिज निरीक्षक राकेश वर्मा दल बल के साथ मौका स्थल पर पहुंचे। ग्रामीणों के आरोप था कि मात्र 150 मीटर की दूरी पर क्रशर की स्थापना हो रही है। ऐसे में राजस्व विभाग के संबंधित हल्का पटवारी संजीव त्रिपाठी को बुलाया गया और नाप जोख कराया गया। नाप जोख करने पर स्कूल की आहाता से निर्माणाधीन क्रशर की आहाता से दूरी 145 मीटर पाया गया। वहीं नजरी नक्शा को जांच पंचनामा में संलग्न किया गया। जांच टीम के पहुंचने के बाद भी ग्रामीण भी भारी संख्या में अपना विरोध दर्ज कराने आ गए थे। जांच के लिए स्कूल शाला समिति अध्यक्ष तोषराम पटेल, विषिकेशन साहू, उमा सागर पटेल, नितिन पाणिग्राही, भावग्राही पटेल आदि ने अपना पक्ष रख निर्माणाधीन क्रशर प्लांट को हटाने की मांग की.
सरपंच पहुंची अपना बयान देने : जिस क्रशर उद्योग की एनओसी को लेकर सरपंच व पंचगण सुर्खियों में आए थे। वहीं अब ग्रामीणों के साथ देते दिख रहे है। जांच टीम के समक्ष ग्राम पंचायत बोंदा के सरपंच सीता बाई सिदार ने अपनी बात रखी। जबकि उप सरपंच ने जांच से दूरी बना ली जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
क्या कहते हैं अधिकारी
जांच के लिए गए थे। ग्रामीणों का बयान दर्ज करने के बाद पंचनामा रिपोर्ट तैयार किया गया है। जांच प्रतिवेदन खनिज उप संचालक और कलेक्टर को सौंपा जाएगा। आगे की कार्रवाई उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन में ही की जाएगी।
राकेश वर्मा, इंस्पेक्टर.
माइनिंग विभाग, रायगढ़.