सुखदेव दीवान, सरिया-रायगढ़। रबी सीजन की बोवनी के बाद किसानों को खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है। सोसायटियों में किसानों को यूरिया खाद नहीं मिल रही है। वहीं डीएपी भी किसानों को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जबकि सोसायटियों में भारी मात्रा में खाद डंप पड़ा हुआ है। बावजूद इसके किसान खाद के लिए दर-दर भटक रहे हैं। ऐसा ही एक मामला रायगढ़ जिले के बरमकेला ब्लॉक अंतर्गत बोंदा सोसायटी में सामने आया है। जहां समिति में 2 हजार यूरिया व करीब 9 सौ बोरी डीएपी डंप है। बावजूद इसके समिति प्रबंधक द्वारा किसानों को खाद उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। यदि यूरिया समय पर नहीं मिला तो फसल खराब हो जाएगी और किसानों को भारी नुकसान होगा। इससे किसानों की चिंता बड़ गई है। किसानों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले खरीफ सीजन में खाद के लिए किसानों को भटकना पड़ा। जैसे तैसे धान की फसल तो हो गई। इसके बाद किसानों को समर्थन मूल्य में बेचने के लिए बारदाने की परेशानी से दो चार होना पड़ा। खरीफ सीजन में नुकसान की भरपाई के लिए रबी सीजन की बोवनी कर लाभ कमाते हैं। ऐसे में समय पर यूरिया खाद नहीं मिलने से किसानों को काफी परेशानी हो रही है। किसान रोज सोसायटियों के चक्कर काट रहे हैं। इसके बाद भी उन्हें खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में किसानों का कहना है कि सोसायटियों में खाद के लिए जाते हैं तो खाद नहीं होने की बात कहते हुए उन्हें भगा दिया जाता है। जबकि बोंदा सोसायटी में 3 हजार बोरी यूरिया व डीएपी खाद डंप पड़ हुआ है।
देने का समय खत्म हो गया: इस संबंध में बोंदा समिति प्रबंधक बिरेंद्र पटेल से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि किसानों को खाद देने का समय खत्म हो गया है। इसलिए किसानों को लौटाया जा रहा है।