बीजापुर। छत्तीसगढ़ नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में शिक्षा विभाग की लापरवाही का खामियाजा हजारों आदिवासी गरीब बच्चे भुगत रहे हैं। शिक्षा विभाग द्वारा इन मासूम बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। दरअसल, जिले के कई आश्रम शाला इन दिनों बगैर शिक्षक के संचालित हो रहे है। दरअसल, कुछ दिनों पूर्व शिक्षकों की पदोन्नति हुई है। इसके बाद उनके संचालित शाला से अन्य स्कूल व आश्रम में एचएम का पोस्ट दे दिया गया है। पदोन्नति से खाली हुई जगहों पर दूसरे शिक्षकों की पदस्थापना नहीं होने के कारण ये स्थिति निर्मित हुई है। जिला मुख्यालय के कन्या आश्रम माध्यमिक शाला के केरपे, कन्या माध्यमिक शाला बेंदरे, आदिवासी बालक माध्यमिक आश्रम बेदरे जैसे कई अन्य आश्रम शाला इन दिनों बगैर शिक्षकों के संचालित हो रहे हैं। बच्चे रोजाना नियमित रूप से स्कूल पहुंच रहे हैं, मगर शिक्षक नहीं होने के कारण घूम फिरकर अपने घर लौट आ रहे। स्कूली बच्चों के साथ-साथ पालकों ने भी मांग की है कि जल्द से जल्द अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत, गणित, विज्ञान सामाजिक विज्ञान के शिक्षकों की पोस्टिंग की जाए। वर्तमान में यहां केवल संस्कृत विषय के लिए एकमात्र शिक्षक हैं। आश्रम की आधीक्षिका की पोस्टिंग अन्य स्कूल में हो जाने से वह अपने संस्था रोजाना चली जाती हैं।