रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर शुक्रवार को भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में विधायक दल की बैठक आयोजित की गई थी। कोरोना संक्रमित होने के बाद नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की गैरमौजूदगी में सत्र की रणनीति पर विचार किया गया। भाजपा ने चार दिन के छोटे सत्र को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है। विधानसभा में सरकार को घेरने के लिए भाजपा ने कोरोना संक्रमण में सरकार की असफलता, प्रदेश में फैले रेत माफिया और शराब की अवैध तस्करी के मामले पर मंथन किया। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने बताया कि 25 से 28 अगस्त तक चलने वाले विधानसभा मानसून सत्र को लेकर चर्चा की गई। विधानसभा में उठाने के लिए मुद्दों की सूची इतनी बड़ी है कि चार दिनों का सत्र छोटा पड़ेगा। कोयला से लेकर रेत, शराब और कोविड-19 के इलाज में अव्यवस्था सहित अलग-अलग मुद्दे हैं। छत्तीसगढ़ में भय और आतंक का राज चल रहा है। रेत माफिया, शराब माफिया, भू माफियाओं का आतंक है। वहीं कोरोना के इलाज की व्यवस्था सिर्फ कागजों में हो रही है। न तो बेहतर तरीके से टेस्ट की व्यवस्था हुई और न ही व्यवस्था को दुरुस्त करने में सरकार की दिलचस्पी दिखी। छत्तीसगढ़ देश का अकेला राज्य होगा, जहां क्वारंटाइन सेंटर में सांप डसने से मौत हो रही है। फांसी लगाकर मौत हो रही है। सेंटरों में लोग इतने प्रताडि़त हो रहे हैं कि आत्महत्या करने और भागने के लिए मजबूर हैं।
विकास के काम ठप, विपक्ष उठाएगा मुद्दा
डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश में विकास के सारे काम ठप पड़े हैं। एफआरबीएम एक्ट में पहले तीन फीसद से बढ़ाकर छह फीसद और अब छह फीसद से ज्यादा कर्ज की सीमा बढ़ाने की मांग हो रही है। केंद्र की मदद के बाद भी पैसे का उपयोग नहीं हो रहा है। गोबर खरीदने से छत्तीसगढ़ का विकास नहीं हो सकता। एक तरफ गोबर को महत्व दे रहे हैं, दूसरी तरफ रोका छेका के बाद गायों की मौत हो रही है। जहां-जहां गौठान है, वहां न चारे की व्यवस्था है और न ही पीने के पानी की व्यवस्था है।