Thursday, November 21, 2024
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वन्य प्राणी तेंदुआ की खाल का सौदा करने जा रहा तस्कर पुलिस के हत्थे चढ़ा, धमतरी पुलिस की कार्यवाही

धमतरी। तेंदुला की खाल का सौदा करने जा रहे एक तस्कर को धमतरी पुलिस ने पकड़ा है। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल दाखिल कर दिया है। जानकारी के मुताबिक पुलिस अधीक्षक बीपी राजभानु द्वारा संपत्ति संबंधी अपराधों में लगाम लगाने, आसूचना तंत्र मजबूत करने, सतत पेट्रोलिंग व गश्त सुदृढ़ करने सभी थाना व चौकी प्रभारियों को निर्देशित किया गया है। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने, वनांचल क्षेत्रों में वन्य प्राणियों की खरीदी बिक्री व तस्करी पर अंकुश लगाने सतत पेट्रोलिंग कर संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों पर निगाह रखने निर्देशित किया गया है। जिसका बेहतर परिणाम भी नजर आ रहा है। इसी दरमियान आज तड़के मुखबिर ने थाना प्रभारी बोरई को सूचना दी कि टीवीएस वाहन में एक व्यक्ति अवैध रूप से वन्य प्राणी की खाल का सौदा करने की फिराक में हैं तथा मारीगांव (उड़ीसा बॉर्डर) से मैनपुर की ओर आ रहा है। उक्त सूचना मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया। जिनके दिशा निर्देश तथा पुलिस अनुविभागीय अधिकारी नगरी नीतिश ठाकुर के नेतृत्व में थाना प्रभारी बोरई सहायक उपनिरीक्षक देवनाथ सिन्हा तत्काल अपनी टीम के साथ मुखबिर सूचना की तस्दीक कर वैधानिक कार्यवाही करने रवाना हुए। उक्त टीम के द्वारा सुरक्षा प्रबंध के साथ मुखबिर के बताए अनुसार मारीगांव से मैनपुर की ओर तिराहा में घेराबंदी की गई। संदेही टीवीएस वाहन चालक पुलिस को देखकर तेज रफ्तार से चलाकर भागने की कोशिश किया जिसे घेराबंदी कर पकड़ा गया। नाम पता पूछने पर अपना नाम विद्याभूषण गोंड़ पिता सोहराय गोंड उम्र 24 वर्ष साकिन देवभारन थाना रायघर जिला नबरंगपुर (उड़ीसा) बताया। जिसके वाहन में सामने रखी सफेद हल्की मटमैली रंग की खाद बोरी की विधिवत तलाशी ली गई। खाद बोरी में तेंदुआ की खाल जैसा खाल जिसकी लंबाई सिर से पूंछ तक 106 इंच तथा चौड़ाई 23 इंच कीमती करीबन ₹5,50,000/- बरामद हुआ। जिसके संबंध में पूछताछ करने पर संतुष्टिप्रद जवाब नहीं मिला। मौके में वैधानिक कार्यवाही करते हुए आरोपी द्वारा प्रयुक्त टीवीएस NTORQ वाहन क्रमांक CG 05 AK 7782 को जप्त कर आरोपी विद्याभूषण गोंड़ को विधिवत गिरफ्तार किया गया तथा उसके विरुद्ध थाना बोरई में वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 39(1)(2), 51, 52 तथा लोक संपत्ति का नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। गिरफ्तार आरोपी को न्यायिक रिमांड हेतु माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है।