रायपुर। आपने कहावत सुनी होगी रेत से तेल निकलना। यह मुहावरा सही अर्थ में असंभव को संभव करने पर कहा जाता है। यह भी सही है कि किसानों ने मेहनत कर रेत से फल निकाल दिया है। महानदी इन दिनों यहां से गुजरने वालों के लिए कौतुहल का स्थल बना हुआ है। यहां गुजरते हर कोई अनायास यहां रुकता है। नदी की रेत की ओर नजरें फेरता है और नदी पर हरियाली देखकर आनंदित हो जाता है।
ये तस्वीर छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के महानदी की है। कछार क्षेत्र में महानदी किनारे स्थित गांवों के ग्रामीणों द्वारा तरबूज व खरबूज की खेती लगाई है। जानकारी के मुताबिक, महानदी का जल स्तर कम होते ही ग्रामीणों द्वारा इन कछारों पर सब्जी के साथ-साथ तरबूज-खरबूज की खेती करते हैं। ग्रामीण पिछले कई सालों से यहां खेती कर रहे हैं। इसके लिए अपना-अपना एक निश्चित जगह तय करते हैं और अपने हिस्से पर नदी के रेत पर मेड बनाकर फल भी उगाते हैं। महानदी किनारे उत्पादित तरबूज-खरबूज बहुत रसीला होता है। महानदी में लगने वाली फसलों की मांग जिले में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में रहती है, यहां तक कि इसे प्रदेश के बाहर भी निर्यात किया जाता है।