रायपुर। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना राम वनगमन पर्यटन परिपथ के विकास के लिए प्रथम चरण में चिन्हित 9 स्थलों में से 3 स्थलों पर 41 करोड़ 23 लाख रूपए का कार्य प्रारंभ किए जा चुके है। इनमें राजिम (गरियाबंद) में 19 करोड़ 33 लाख रूपए, चंदखुरी (रायपुर) में 16 करोड़ 14 लाख रूपए और शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा) में 5 करोड़ 76 लाख रूपए शामिल हैं। शेष 9 स्थलों सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), सिहावा-सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) एवं रामाराम (सुकमा) का डीपीआर तैयार हो चुका है एवं निर्माण एजेन्सियों द्वारा निविदा की कार्रवाई की जा रही है।
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न शोधपत्रों, अभिलेखों एवं मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री राम ने अपने वनवास काल के 14 वर्षों में से अधिकांश समय छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों पर व्यतीत किए थे। छत्तीसगढ़ आने वाले पर्यटकों-आगंतुकों के साथ-साथ देश-प्रदेश के लोगों को राम वनगमन मार्ग एवं स्थलों से परिचित कराने और पर्यटकों को उच्च स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राम वनगमन पर्यटन परिपथ का विकास किया जा रहा है। इसके लिए प्रथम चरण में 9 स्थलों का चयन किया गया है। इन स्थलों के विकास के लिए कुल 137 करोड़ 45 लाख रूपए की परियोजना मंजूर की गई है।