बरमकेला। छत्तीसगढ़ के नवगठित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिलांतर्गत बरमकेला ब्लॉक के लेंध्रा स्थित श्री राधामाधव मंदिर में आज श्रद्धा भक्ति के साथ ठाकुर जी को छप्पन भोग भोजन प्रसाद लगाए गए। इस दौरान भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिला और लोग प्रभु भक्ति में लीन नजर आए। मान्यता है कि छप्पन भोग से भगवान खुश होते है और उन्हें पूजने वालों को मनवांछित फ ल देते हैं। बताया जाता है कि छप्पन भोग में 16 तरह की नमकीन, 20 प्रकार की मिठाइयां और 20 प्रकार के फल होते हैैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार जब इन्द्र के क्रोध से भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया था उस समय वह लगातार 7 दिनों तक अन्न-जल ग्रहण नहीं कर सके थे। इसके बाद माता यशोदा ने बालकृष्ण के लिए 56 भोग बनाए थे. 8वें दिन जब इंद्र ने श्रीकृष्ण से क्षमायाचना करते हुए वर्षा को रोका तो श्रीकृष्ण ने सभी ब्रजवासियों को गोवर्धन पर्वत की छत्रछाया से बाहर आने का आदेश दिया था। उस वक्त मुरलीधर का 7 दिनों तक निराहार रहना ब्रजवासियों और माता यशोदा को अच्छा नहीं लगा था तब बालकृष्ण के लिए माता यशोदा ने ब्रजवासियों के साथ मिलकर 7 दिन और 8 पहर के हिसाब से 56 तरह के व्यंजन बनाकर श्रीकृष्ण को महाभोग लगाया था। तब से लेकर आज पर्यन्त तक 56 भोग लगाने की परंपरा अबाध रूप से चला आ रहा है।
इस पुनीत एवं ऐतिहासिक क्षण में जगन्नाथ पाणिग्राही, मनोहर पटेल, कैलाश पण्डा, चूड़ामणि पटेल, राधामोहन पाणिग्राही, चक्रधर पटेल, मोहन पटेल, सहोद्रा सिदार एवं स्थानीय राधामाधव समिति के ऊर्जावान अध्यक्ष भूतनाथ पटेल सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्तजनों की विशेष रूप से उपस्थिति रही।