बिलासपुर। छत्तीसगढ़ शासन कृषि विकास, किसान कल्याण एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा खरीफ 2020 हेतु राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् किसानों के पंजीयन की समयसीमा 31 जनवरी से बढ़ाकर 28 फरवरी की गई है।
उप संचालक कृषि बिलासपुर ने बताया कि खाद्य विभाग द्वारा पंजीकृत किसानों के डाटा को राजीव गांधी किसान योजना हेतु मान्य किया जाएगा तथा उपार्जित मात्रा के आधार पर आनुपातिक रकबा की जानकारी लेकर आदान सहायता राषि की गणना की जाएगी। गन्ना पेराई वर्ष 2020-21 हेतु सहकारी शक्कर कारखाना में पंजीकृत रकबा को योजना के तहत सहायता अनुदान राषि की गणना हेतु मान्य किया जाएगा।
योजना अंतर्गत धान, मक्का, गन्ना उत्पादक किसानों को छोड़कर शेष अन्य फसलों एवं सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, कुलथी, रामतिल, कोदो, कुटकी एवं रागी फसल हेतु आदान सहायता राषि की गणना संबंधित फसलों के गिरदावरी अनुसार भुईंया पोर्टल में संबंधित रकबा के आधार पर आनुपातिक रूप से की जाएगी। अन्य फसल लगाने वाले किसानों को संबंधित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति में अनिवार्य रूप से पंजीयन कराना होगा। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा किसानों के आवेदन पत्र का सत्यापन भुईंयां पोर्टल में प्रदर्षित संबंधित मौसम में गिरदावरी के आंकड़ों के आधार पर किया जाएगा।
सत्यापन उपरांत कृषक पूर्ण रूप से भरे हुए प्रपत्र-1 के साथ आवष्यक अभिलेख जैसे-ऋण पुस्तिका, आधार नंबर, बैंक पासबुक की छायाप्रति, संबंधित प्राथमिक सहकारी समिति में जमा कर निर्धारित समय-सीमा 28 फरवरी 2021 तक संबंधित सहकारी समिति में पंजीयन करा सकते हैं।
योजना अंतर्गत शामिल फसलांे के अतिरिक्त अन्य फसलों पर आदान सहायता राषि देय नहीं होगी। इसी तरह अपंजीकृत किसानों को योजना अंतर्गत आदान सहायता अनुदान की पात्रता नहीं होगी। इस प्रक्रिया के तहत प्राप्त किसानों के डेटाबेस के आधार पर नोडल बैंक द्वारा आदान सहायता राषि सीधे किसानों के खाते में अंतरित की जाएगी।