Thursday, November 21, 2024
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राजस्थान का जहाज लैडिंग से पहले ही “पायलट” की वजह से लड़खड़ाया! रातभर चला ड्रामा

जयपुर। नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश में निकली कांग्रेस पार्टी के लिए खोजना मुश्किल हो गया है. राजस्थान में सीएम पद को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट में जबरदस्त खींचतान चल रही है. इस बीच रविवार को गहलोत समर्थक 92 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया. वहीं इस सियासी घमासान से कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी खासा नाराज हैं. कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि हमें विधायकों के साथ बातचीत करने का निर्देश दिया गया है. अजय माकन ने कहा कि हमारे साथ आए दूसरे पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे भी विधायकों से बात करेंगे. दरअसल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ने जा रहे हैं, जिसके बाद नए सीएम की तलाश की जा रही है. इसमें दो नाम प्रमुखता से सामने आए थे. पहला नाम सचिन पायलट का और दूसरा नाम विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी का है. हालांकि अब सचिन पायलट के नाम पर गहलोत खेमा मानने को तैयार नहीं है.

 

जानें 10 बड़ी बातें

  1. राजस्थान में नाटकीय घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले विधायकों ने अपने इस्तीफे रविवार रात विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को सौंप दिए. राज्य विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने रविवार देर रात बताया कि हमने इस्तीफे दे दिए हैं और आगे क्या करना है इसका फैसला अब विधानसभा अध्यक्ष करेंगे.
  2. इससे पहले राज्य के आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने मीडियाकर्मियों से कहा, हम अभी अपना इस्तीफा देकर आए हैं. यह पूछे जाने पर कि कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया, उन्होंने कहा कि लगभग 100 विधायकों ने इस्तीफा दिया है.
  3. इसके साथ ही मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव होने तक (राज्य में मुख्यमंत्री गहलोत के उत्तराधिकारी को लेकर) कोई बात नहीं होगी. वहीं जोशी के निवास से निकलते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सब कुछ ठीक है।
  4. कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि हमने अपनी बात आलाकमान तक पहुंचा दी है. उम्मीद करते हैं कि आने वाले जो फैसले होंगे उनमें उन बातों का ध्यान रखा जाएगा. विधायक चाहते हैं कि जो कांग्रेस अध्यक्ष और आलाकमान के प्रति निष्ठावान रहे हैं उनका पार्टी पूरा ध्यान रखे.
  5. राजधानी जयपुर में यह सारा घटनाक्रम कांग्रेस के विधायक दल की बैठक में गहलोत का उत्तराधिकारी चुनने की संभावनाओं के बीच हुआ. इस स्थिति से मुख्यमंत्री और सचिन पायलट के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष गहराने का संकेत मिल रहा है. गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे, इसलिए उनका उत्तराधिकारी चुने जाने की चर्चा है.
  6. वहीं इस सियासी घमासान को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी नाराज हैं. पर्यवेक्षक के रूप में जयपुर पहुंचे कांग्रेस नेता अजय माकन ने बताया कि हमें कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधायकों के साथ बातचीत करने का निर्देश दिया है. हम आज सभी विधायकों से मिलेंगे. अजय माकन ने कहा कि हमारे साथ आए दूसरे पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे भी विधायकों से बात करेंगे.
  7. साथ ही कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से फोन पर बात की. इस दौरान उन्होंने पूछा कि राज्य में ऐसे हालात क्यों बन रहे हैं? इस पर अशोक गहलोत ने कहा कि ये विधायकों की भावना है. मैं क्या कह सकता हूं? सूत्र बताते हैं पर्यवेक्षक के रूप में पहुंचे मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हर विधायकों से बात करिये. चाहे पूरी रात बैठना पड़े, मामला आज ही सुलझाएं.
  8. दरअसल, विधायक दल की बैठक शाम सात बजे मुख्यमंत्री निवास में होनी थी लेकिन बैठक से पहले ही गहलोत के वफादार माने जाने वाले विधायक संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर इकट्ठा होने लगे. यहां से वे रात लगभग साढ़े आठ बजे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. जोशी के आवास पहुंचे और आधी रात तक वहीं रहे. बीच में संसदीय मंत्री धारीवाल, मुख्य सचेतक जोशी, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास मुख्यमंत्री निवास भी गए.
  9. इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उस होटल में गए थे जहां दिल्ली से आए पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे तथा अजय माकन रुके थे. वहां इन नेताओं के बीच लंबी बैठक हुई. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी मुख्यमंत्री निवास पहुंचे. कुछ और विधायक भी विधायक दल की प्रस्तावित बैठक में भाग लेने पहुंचे लेकिन यह बैठक अंतत: नहीं हुई.
  10. राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 108 विधायक हैं. पार्टी को 13 निर्दलीय उम्मीदवारों का भी समर्थन प्राप्त है. गहलोत के वफादार माने जाने वाले कुछ विधायकों ने परोक्ष रूप से पायलट का हवाला देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का उत्तराधिकारी कोई ऐसा होना चाहिए, जिन्होंने 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान सरकार को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, न कि कोई ऐसा जो इसे गिराने के प्रयास में शामिल था.