रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार सिर चढ़कर बोल रहा है। आम पब्लिक को हर सरकारी काम के लिए कदम-कदम पर पैसा खर्च करना पड़ रहा है। घूस नहीं तो एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर तक लगाते रहिए चक्कर। कमोबेश यही हाल पूरे छत्तीसगढ़ का है। स्थिति इतनी खराब हो चली है कि अब छोटे सरकारी कर्मचारियों को भी इन परिस्थितियों से गुजरना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ के महासमुंद फिर रायगढ़ और अब उसके पड़ोसी जिले जशपुर से सरकार की फजीहत कराने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक महिला एसडीएम पर सरकारी कर्मचारियों ने बेहद ही संगीन आरोप लगाए हैं। बगीचा में पदस्थ एसडीएम ज्योति बबली के खिलाफ बेहद ही संगीन आरोप लगाए गए हैं, बल्कि मारने-पीटने की धमकी देने की बात कही गई है। यह भी आरोप है कि उन्होंने अपने क्षेत्र के पटवारी, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षकों को एकसूत्रीय वसूली अभियान पर लगा रखा है। शिकायती पत्र में जिस तरह का दर्द अफसरों ने बयां किया है उसने महिला अफसर की मर्यादा को तार-तार करके रख दिया है। पैसे की डिमांड तो होती ही है, शर्मनाक बात ये है कि फल, सब्जी से लेकर मुर्गा, मटन, मछली और अंडे तक भी कर्मचारियों व अधिकारियों से फ्री सेवा में मंगवाया जाता है। शासकीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने 8 बिंदुओं पर इसकी लिखित शिकायत जशपुर कलेक्टर से की है। कलेक्टर से कहा है कि SDM बगीचा द्वारा किए जा रहे उपरोक्त कार्यों से हम सभी आर्थिक एवं मानसिक रुप से प्रताड़ित हो रहे हैं तथा भयपूर्ण वातावरण में कार्य करने के लिए मजबूर हैं। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बगीचा ज्योति बबली कुजूर को जिला मुख्यालय में अटैच कर पारदर्शिता पूर्वक विभागीय जांच कराकर नियमानुसार कार्यवाही करने की मांग की है। जिस पर कलेक्टर ने इस मामले में जांच करने का आश्वासन दिया है।
पढ़िए, एसडीएम ज्योति बबली पर लगाए गए गंभीर आरोप……
आरोप 1 : बगीचा एसडीएम बबली ज्योति के खिलाफ आरोप लगाया गया है कि होली गिफ्ट दिए जाने के नाम पर दो लाख रुपए वसूलने के लिए प्रत्येक पटवारी एवं राजस्व निरीक्षकों से सात-सात हजार रुपए जमा कराने के लिए तहसीलदार बगीचा टीडी मरकाम को निर्देशित किया गया था जिसकी जानकारी तहसीलदार द्वारा पटवारी मीटिंग में दी गई एवं प्रत्येक पटवारी एवं राजस्व निरीक्षकों से सात-सात हजार रुपए जमा करने के लिए कहा गया। इसके अतिरिक्त प्रत्येक पटवारी एवं राजस्व निरीक्षकों से प्रत्येक माह सात-सात हजार रुपए SDM बगीचा के लिए जमा करने के लिए कहा गया। इसका विरोध किया गया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ, आखिरकार अंत में प्रत्येक पटवारी द्वारा एक-एक हजार रुपए चंदा कर दिया गया।
आरोप 2 : पटवारी एवं राजस्व निरीक्षकों दो लाख रुपए वसूली नहीं कर पाने पर पटवारी एवं राजस्व निरीक्षकों की मीटिंग में नायब तहसीलदार बगीचा रोशनी तिर्की एव नायब तहसीलदार अविनाश चौहान तथा पटवारीयों एवं राजस्व निरिक्षकों की उपस्थिति में तहसीलदार बगीचा टीडी मरकाम द्वारा SDM बगीचा को कहा गया कि- ‘आपने मुझे पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षकों से दो लाख रुपए वसली करने के लिए कहा था जिसे मैं वसली नहीं कर सका। जिस पर तहसीलदार को एसडीएम द्वारा मीटिंग से बाहर निकाल दिया गया।
आरोप 3 : SDM बगीचा द्वारा अपने घरेलू एवं निजी उपयोग की सामग्री जैसे राशन सामग्री, सब्जी, फल, जूस, दही, ड्रायफूड्स, देशी मुर्गा, मटन, कबूतर, बर्तन इत्यादि पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षकों एवं लिपिकों से मंगाया जा रहा है एवं स्वयं के द्वारा किए गए खरीददारी का बिल पटवारियों एवं अन्य कर्मचारियों से भुगतान कराया जा रहा है। जिसके लिये SDM बगीचा द्वारा नायब तहसीलदारों एवं तहसीलदार को फोन कर आर्डर दिया जाता है। तहसीलदार एव नायब तहसीलदारों द्वारा सामग्री भिजवाने से मना किये जाने पर उन्हें भी कार्यवाही की धमकी दी जाती है।
आरोप 4 : SDM बगीचा द्वारा प्रोटोकाल ड्यूटी के नाम पर पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षकों को अनावश्यक आर्थिक एवं मानसिक रुप से प्रताडित किया जाता है। प्रोटोकाल के नाम पर अनावश्यक सामग्री की खरीददारी कराई जाती है एवं खरीदे गये सामग्री को स्वयं के घर पहुंचाने हेतु कहा जाता है, मना करने पर दबाव डालकर मंगाया जाता है।
आरोप 5 : SDM बगीचा द्वारा हाल ही में 17 फरवरी 2021 को पटवारियों को पाट क्षेत्र में स्थानांतरण करने के नाम पर ब्लैकमेलिंग कर पच्चीस से तीस हजार रुपए तक अवैध वसूली किया गया है, मजबूर होकर कुछ पटवारियों दारा पैसा दिया गया है किन्तु जो पटवारी रुपए नहीं दे सकें उन्हें दूरस्थ एवं पाट क्षेत्र में स्थानान्तरण किया गया है।
आरोप 6 : SDM बगीचा द्वारा पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षकों की साप्ताहिक मिटींग में पटवारियों को अपमानित किया जाता है एवं अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है जैसे- “दो थप्पड़ लगाउंगी तो भी मेरा कुछ नहीं कर सकते हो तुम लोग”, “किसी को मुझसे कोई भी प्रश्न पूछने का अधिकार नहीं है और इस लायक भी नहीं हो तुम लोग इसके अतिरिक्त मीटिंग हॉल से पटवारियों को बाहर निकल जाओ बोला जाता है, किसी को अपनी बात तक रखने का अवसर नहीं दिया जाता है उल्टा डांट फटकार कर चुप करा दिया जाता है।
आरोप 7: SDM बगीचा द्वारा बिना शासन की अनुमति के हमर अंचरा’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें सभी विभाग के कर्मचारियों को अपना डर दिखाकर 1000 से 5000 तक जमा कराया जा रहा है और राजस्व विभाग के कर्मचारियों को हमर अंचरा कार्यक्रम के कार्यों को करने के लिए आदेशित किया जाता है, जिससे इनका मूल काम प्रभावित हो रहा है।
आरोप 8 : SDM बगीचा द्वारा हमर अंचरा कार्यक्रम के लिए निर्मित बैंक अकाउंट में कर्मचारियों व्यापारियों एवं प्रतिष्टित व्यक्तियों से चंदा एकत्रित कर लगभग 20 से 25 लाख रुपए जमा कराया गया है जिसका उपयोग गरीबों को निःशुल्क सामग्री वितरण के नाम पर प्रत्येक सामग्री में कमीशनखोरी किया जा रहा है जिसका जांच किया जाना उचित होगा एवं हमर अंचरा कार्यक्रम में एकत्रित राशि का उपयोग वर्तमान में कोविड 19 के दौर में आक्सीजन सिलेंडर एवं अन्य राहत सामग्री के लिये किया जाना उचित होगा परंतु SDM बगीचा जिन सामग्रीयों की खरीदी में कमीशन मिलता है वहीं कार्य करती है।