रायपुर/रायगढ़। भगवान ‘भोलेनाथ’ ने शुक्रवार को तहसील कोर्ट में पेशी दी। दरअसल, उन्हें तहसीलदार की ओर से अवैध कब्जा मामले में नोटिस जारी हुआ था। पेशी में उपस्थित नहीं होने पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाने की बात भी कही गई थी। मामला छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले का है। पढ़कर लग रहा होगा कि भला भगवान ‘शंकर कैसे कोर्ट में उपस्थित हो सकते हैं? लेकिन ‘भोलेनाथÓ कोर्ट में आये। अब भगवान स्वयं तो आ नहीं सकते, ऐसे में स्थानीय लोग शिवलिंग ही उखाड़कर कोर्ट में ले आए। मजे की बात तो यह है कि यहां भी तहसीलदार के नहीं मिलने पर कोर्ट ने उन्हें अगली तारीख दे दी।
बता दें कि एक स्थानीय निवासी ने अवैध कब्जे और निर्माण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट बिलासपुर के निर्देश पर रायगढ़ तहसीलदार द्वारा राजस्व अधिकारियों की टीम गठित कर सीमांकन कराया गया। इसमें कई लोगों के अवैध कब्जे मिले। इसके बाद कोर्ट की ओर से 10 लोगों को नोटिस जारी किया गया। इसमें रायगढ़ शहर के वार्ड क्रमांक 25 में स्थित शिव मंदिर को भी नोटिस जारी कर 25 मार्च को कोर्ट मेंं उपस्थित होने का फरमान सुनाया गया था। नोटिस में चेतावनी दी गई थी कि अगर कोर्ट में पेश नहीं हुए तो 10 हजार रुपए के अर्थदंड के साथ ही उनको बेदखल किया जा सकता है। कौहाकुंडा के वार्ड 25 में पुजारी नहीं होने के कारण स्थानीय लोगों ने शिवलिंग को ही मंदिर से उखाड़ लिया और ट्रॉली पर उसे रखकर कोर्ट पहुंच गए। शिवलिंग को लेकर लोग कोर्ट तो पहुंचे। वहां बाहर नोटिस लगा हुआ था कि पीठासीन अधिकारी किसी अन्य राजस्व कार्य में व्यस्त हैं, इसके चलते मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 अप्रैल की तारीख निर्धारित कर दी गई।