नई दिल्ली/रायपुर। भीषण गर्मी की मार झेल रहे देश के लिए राहत भरी खबर है। जल्द ही इस गर्मी से राहत मिल सकती है। मानसून ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह और बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से में सक्रियता के साथ दस्तक दे दी है। खास बात ये है कि इस बार मानसून करीब हफ्तेभर पहले ही दस्तक दे चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, मानसून अगले दो से तीन दिनों में पूरे अंडमान सागर, अंडमान निकोबार द्वीप समूहों, मध्यपूर्व बंगाल की खाड़ी में छा जाएगा। आमतौर पर इन क्षेत्रों में मानसून 22 मई के बाद सक्रिय होता है। इस बार यह छह दिन पहले सक्रिय हो गया है।
तारीख | राज्य/क्षेत्र |
26 मई | बंगाल की खाड़ी |
27 मई- एक जून | केरल, लक्षद्वीप, पुडुचेरी, तमिलनाडु |
पांच जून | कर्नाटक, असम, मेघालय |
06-10 जून | महाराष्ट्र, तेलंगाना, सिक्किम |
11-15 जून | छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड |
16-20 जून | पूर्वी उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड |
21-25 जून | पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर |
26-30 जून | पंजाब, हरियाणा |
दक्षिण भारत में क्या स्थिति होगी : मौसम विभाग के अनुसार, आमतौर पर केरल में मॉनसून एक जून को दस्तक देता है। इस बार राहत की खबर ये है कि यहां मॉनसून तीन से पांच दिन पहले पहुंच सकता है। मतलब 27 मई से एक जून तक यहां मानसून के दस्तक देने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. केपी पांडेय के मुताबिक, अगले पांच दिनों में केरल, कर्नाटक में कुछ स्थानों पर गरज, चमक और तेज हवाओं के साथ मानसून पूर्व भारी बारिश होने की उम्मीद है। तमिलनाडु में सोमवार से बुधवार तक और अगले दो दिनों में लक्षद्वीप क्षेत्र में भारी बारिश की संभावना है। बुधवार को तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भी भारी बारिश के आसार हैं।
सदी की सबसे बुरी गर्मी झेल रहा उत्तर भारत : इस बार सदी की सबसे बुरी गर्मी उत्तर भारत झेल रहा है। राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बांदा में तो तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। उधर, सोमवार को राजस्थान के धौलपुर में अधिकतम तापमान 46.1 डिग्री और यूपी के बांदा में रविवार को अधिकतम तापमान 49 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इसके अलावा 12 से ज्यादा शहरों में 44 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज किया गया। सबसे अधिक धौलपुर (46.1 डिग्री), इसके बाद झांसी (45.6 डिग्री), नौगांव (45.5 डिग्री), बठिंडा (45.1 डिग्री), वाराणसी, पटियाला और सीधी (प्रत्येक में 45 डिग्री) का स्थान रहा।