Thursday, November 21, 2024
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प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजातियों के 9623 युवाओं को सरकारी नौकरी, भर्ती का आदेश जारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजाति के शिक्षित युवाओं के लिए नौकरी का रास्ता खुल गया है। पढ़े-लिखे युवाओं को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरी देने के लिए सामान्य प्रशासन विकास विभाग ने प्रशासकीय स्वीकृति दे दी है। सीएम भूपेश बघेल की घोषणा पर त्वरित अमल करते हुए युवओं को योग्यतानुसार शासकीय नौकरी देने के लिए सोमवार को आदेश भी जारी हो गया। छत्तीसगढ़ में निवासरत अबूझमाडिय़ा, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, बैगा, कमार, पंडो एवं भुंजिया वर्ग के 9623 युवाओं को इसका लाभ मिलेगा। बता दें कि रविवार को जशपुर जिले के बगीचा हाई स्कूल मैदान में आयोजित भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान पहाड़ी कोरवा जनजाति की एक शिक्षित युवती संजू पहाडिय़ा ने मुख्यमंत्री से उन्हें नियमित शासकीय नौकरी दिलाने की मांग की थी, जिस पर मुख्यमंत्री प्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजातियों के शिक्षित 09 हजार 623 पात्र युवाओं को योग्यतानुसार तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों पर सरकारी नौकरी देने की बड़ी घोषणा की थी। अगले ही दिन याने सोमवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने सोमवार को भर्ती की मंजूरी का आदेश जारी कर दिया। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने सोमवार को बिलासपुर, मुंगेली, राजनांदगांव, कोरिया, कबीरधाम, कोरबा, सरगुजा, जशपुर, बलरामपुर, रायगढ़, गरियाबंद, धमतरी, कांकेर, महासमुंद, नारायणपुर, सूरजपुर और बलौदाबाजार के कलेक्टरों को एक पत्र जारी किया। इसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 27 अगस्त 2019 को जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठक में विशेष पिछड़ी जनजातियोंÓ के शिक्षित और पात्र युवाओं का सर्वे कराकर नियुक्ति का फैसला हुआ था। सर्वे के बाद जिलों में ऐसे शिक्षित युवाओं की संख्या 9 हजार 623 है। ऐसे में जिले में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर “विशेष पिछड़ी जनजातिÓ के पात्र युवाओं को सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर भर्ती करने की स्वीकृति प्रदान की जाती है। इस आदेश के साथ विशेष पिछड़ी जनजातियों के युवाओं की सरकारी नौकरी का रास्ता खुल गया है।

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प्रदेश में सात पिछड़ी जनजातियां : जनजाति समूहों में ही आपस में विकास की दर असामान्य होने की वजह से भारत सरकार द्वारा आयोग गठन कर विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों का चिन्हांकन किया गया था। इसमें छत्तीसगढ़ के पांच जनजाति समूह अबूझमाडिय़ा, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, बैगा एवं कमार को विशेष पिछड़ी जनजाति के रूप में मान्यता दी गई है। वहीं छत्तीसगढ़ शासन की ओर से पंडो एवं भुंजिया जनजाति समूह को विशेष पिछड़ी जनजाति के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। इस तरह से राज्य में विशेष पिछड़ी जनजाति समूह की संख्या कुल सात है।