दंतेवाड़ा।डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होते हैं, ये कहावत छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के डॉक्टरों ने साबित कर दिखाई है। दरअसल, जिला अस्पताल के डॉक्टर्स ने ऐसे नवजात को नया जीवनदान दिया जिसकी न तो सांसे चल रही थी और न ही धड़कन, उसका शारीरिक मूवमेंट भी नहीं हो रहा था। डॉक्टरों एवं एसएनसीयू स्टॉफ ने अपनी कोशिशों से नवजात को नया जीवन दिया है।
जानकारी के मुताबिक दंतेवाड़ा की रहने वाली महिला लक्ष्मी कश्यप ने 19 जुलाई को बेटे को जन्म दिया था। महिला की डिलीवरी नॉर्मल हुई थी। जन्म के बाद बच्चे की सांसें और धड़कन नहीं चल रही थी। मृतप्राय अवस्था में एसएनसीयू के स्टॉफ नर्स ने नवजात को तुरंत एसएनसीयू में शिफ्ट किया। एसएनवीयू के प्रभारी डॉ. राजेश ध्रुव और डॉ. अंकिता की सलाह व देखरेख में स्टॉफ नर्स हेड ममता पाल एवं कोहिमा ठाकुर ने तुरंत बैगन मास्क वेंटीलेशन एवं ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित किया। इसके साथ ही नवजात को चेस्ट कंप्रेशन दिया गया। इसके बाद भी नवजात के शरीर में कोई हरकत नहीं होने पर उसे तत्काल जीवनरक्षक इंजेक्शन दिया गया। करीब 30 मिनट तक लगातार इन प्रक्रियाओं को दोहराने के बाद नवजात में सांस की गति एवं दिल की धड़कन उत्पन्न हुई। शरीर में हलचल शुरू होने के बाद डॉक्टरों को उम्मीद जगी कि नवजात को बचाया जा सकता है।
आरक्षक ने बेटे को दिया जन्म : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के गीदम के नजदीक हारम गांव में रहने वाली पुलिस आरक्षक लक्ष्मी कश्यप को 19 जुलाई को जिला चिकित्सालय में नॉर्मल डिलीवरी से बेटा पैदा हुआ। प्रसव के बाद से ही नवजात का रेस्पिरेट्री-रेट एवं हॉर्ट-रेट नहीं दिख रहा था। लगभग मृतप्राय अवस्था में उसे तत्काल वहीं के एसएनसीयू में शिफ्ट किया गया। डॉक्टरों की सलाह पर नर्सिंग स्टॉफ की लगातार कोशिशों, जीवनरक्षक इंजेक्शन तथा बैगन मास्क वेंटीलेशन, ऑक्सीजन सप्लाई और चेस्ट कंप्रेशन के माध्यम से अस्पताल स्टॉफ को नवजात की सांस और धड़कन लौटाने में कामयाबी मिली।
11 दिनों तक एसएनसीयू में रखा : डॉक्टरों एवं एसएनसीयू नर्सिंग स्टॉफ की मेहनत से नवजात में हार्ट-बीट और रेस्पिरेट्री-रेट आने के बाद जांच एवं उपचार के लिए 11 दिनों तक एसएनसीयू में रखा गया। अच्छी देखभाल और इलाज के बाद नवजात धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ गया है। स्तनपान के साथ ही सामान्य शिशुओं की तरह हरकत, दिल की धड़कन एवं सांस की गति सामान्य हो गई है। सारे पैरामीटर्स सामान्य होने के बाद शिशु को अब डिस्चार्ज कर दिया गया है।
परिवार ने डॉक्टरों व स्टॉफ का जताया आभार : शिशु के माता-पिता आरक्षक दम्पत्ति लक्ष्मी कश्यप और दयानंद कुमार ने अपने नवजात को पुनर्जीवन देने के लिए दंतेवाड़ा जिला अस्पताल के एसएनसीयू के डॉक्टरों और नर्सिंग स्टॉफ के प्रति आभार प्रकट किया है। उन्होंने एसएनसीयू स्टॉफ को हार्दिक धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी लगातार कोशिशों, इलाज और देखरेख से अब उनका बेटा सामान्य अवस्था में आ गया है। बेटे के पूर्णत: स्वस्थ होने से पूरा परिवार बेहद खुश है।