गरियाबंद। ग्राम पंचायत के सचिवों के कारनामें इन दिनों उजागर होने लगे है। भ्रष्टाचार करने वाले और अपने काम को अहमियत न देने वाले ग्राम पंचायत सचिव ईसाईराम ध्रुव को उनके पद से निलंबित कर दिया गया है। जिला पंचायत सीईओ रोक्तिमा यादव ने एक आदेश जारी कर सचिव की निलंबन की जानकारी दी है। निलंबन की अवधि में इनका मुख्यालय जनपद पंचायत छुरा निर्धारित किया गया है। ईसाई राम ध्रुव सचिव ग्राम पंचायत मेड़कीडबरी (अतिरिक्त वित्तीय प्रभार)/ ग्राम पंचायत दादरगांव नया को ग्राम पंचायत मेड़कीडबरी में बिना शौचालय निर्माण कराये कूटरचना पूर्वक पूर्णता प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर राशि 7 लाख 52 हजार 499 रूपये आहरण किये जाने के संबंध में नोटिस जारी किया गया था जिसके परिपालन में प्रस्तुत जवाब 22 सितंबर को असमाधानकारक पाये जाने के फ लस्वरूप छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा ( अनुशासन तथा अपील ) नियम 1999 में निहित प्रावधानों के तहत निलंबित कर विभागीय जांच की अनुसंशा की गई है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय जनपद पंचायत छुरा रहेगा तथा इन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी।
ये अफसर करेंगे जांच : विभागीय जांच के लिए पदमिनी हरदेल उप संचालक पंचायत जिला गरियाबद को जांच अधिकारी तथा गौरसिंह दीवान सहायक आंतरिक लेखा परीक्षण एवं करारोपण अधिकारी जनपद पंचायत छुरा को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है। पंचायत सचिव के निलंबन के फ लस्वरूप खिलेश्वर तामसचिव ग्राम पंचायत मेड़कीडबरी ( प्रशासनिक ) को ग्राम पंचायत मेड़कीडबरी का संपूर्ण भार एवं देवेन्द्र ठाकुर, सचिव ग्राम पंचायत केंवटीझर को आगामी आदेश ग्राम पंचायत दादरगांव नया का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
फ र्जी उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा की : मेड़कीडबरी ग्राम पंचायत जो छत्तीसगढ़ ओडिशा सीमा क्षेत्र में स्थित है। नक्सल प्रभावित इलाके के ग्राम पंचायत मेडकीडबरी जहां अस्सी प्रतिशत आदिवासी निवास करते हैं। पंचायत सचिव ने 95 ग्रामीणों के घरों में शौचालय निर्माण का कार्य प्रारंभ ही नहीं किया था और फ र्जी उपयोगिता प्रमाणपत्र जिला पंचायत में जमा कर दूसरी किश्त की राशि आहरण कर अपने जेब में महीनों तक रखा रहा। पंचायत के जागरूक पंचों ने कलेक्टर को शिकायत की। जिस पर उन्होंने डिप्टी कलेक्टर रुचि शर्मा को जांच के निर्देश दिए। जांच टीम घर घर जाकर देख कर हैरान हो गयी कि दो किश्त में भुगतान हो गया उपयोगिता प्रमाण पत्र भी जमा हो गए लेकिन शौचालयों का निर्माण प्रारंभ नहीं हुआ है। जांच रिपोर्ट प्रतिवेदन में शौचालयों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं होना एंव दो किश्त में भुगतान सचिव द्वारा आहरण करने के साथ ही लगभग नौ लाख रुपये पंचायत के खाता से आहरण कर लिये जाने का उल्लेख करते हुए जिला पंचायत गरियाबंद को भेजा गया है। जिसके बाद कार्रवाई की।