Friday, November 22, 2024
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नाम तो सुना ही होगा, ज्योति बबली कुजूर! जी हां- वही ज्योति बबली कुजूर जिनके लिए भ्रष्टाचार ही शिष्टाचार है, मोहतरमा पहले भी सस्पेंड हो चुकीं, आईपीएस व एसडीओपी से भिड़ चुकीं, कलेक्टर का आदेश भी मायने नहीं रखता, अब महादेव ही जाने!  

रायपुर। ज्योति बबली कुजूर, 2015 बैच की राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर हैं। वर्तमान में जशपुर जिले के बगीचा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) के पद पर पदस्थ हैं। अपने इस छोटे से कार्यकाल में ज्योति बबली अपने कामों से ज्यादा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के कारण अक्सर सुर्खियों में रहे हैं। फिलहाल इन पर 2 तहसीलदार, 3 आरआई 30 पटवारियों समेत कई कर्मचारियों ने इनके खिलाफ बेहद गंभीर व संगीन आरोप लगाकर जशपुर कलेक्टर से 8 बिंदुओं में शिकायत करते हुए मोर्चा खोल दिया है। जिससे ये मैडम फिर एक बार चर्चा में आ गई, लेकिन इन मोहतरमा के लिए इस तरह का मामला कोई नया नहीं है। आपको बता दें कि इसके पहले मनरेगा में 14 लाख रुपए की गड़बड़ी करने के मामले में एक दफा सस्पेंड हो चुकी हैं, रेस्ट हाउस में ठहरे छत्तीसगढ़ के एक सीनियर आईपीएस और एक एसडीओपी से भी भिड़ चुकी हैं। इनके लिए कलेक्टर का आदेश भी कोई मायने नहीं रखता। राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने जशपुर कलेक्टर महादेव कावरे से लिखित शिकायत की है। कलेक्टर ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

 

पढ़िए, एसडीएम ज्योति बबली कुजूर के पुराने विवादों को विस्तार से- 

 

विवाद 1 : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर जनपद पंचायत में ज्योति बबली बैरागी वर्ष 2015-16 में प्रभारी जपं सीईओ के पद पर पदस्थ थीं। उस वक्त इन पर आरोप लगा था कि वाड्रफनगर जनपद के ग्राम चपोता में मनरेगा के तहत मिट्टी मुरूम सड़क और पुलिया निर्माण, तुंगवा पंचायत में नदी किनारे तटबंध, जमई में मुख्य मार्ग से घोघर पारा तक रोड और पेंडारी में मिट्टी मुरूम रोड और पुलिया निर्माण कार्य कराया जाना था। इन कार्यों के एवज में मेसर्स हरिहर यादव सप्लायर और मेसर्स साहू जनरल सप्लायर रघुनाथ नगर को 38.58 लाख का भुगतान फर्जी तरीके से कर दिया गया। इसकी शिकायत हुई तो विभागीय जांच की गई जिसमें 14 लाख रुपए का गबन का मामला सामने आया, इसमें मनरेगा जिला कार्यक्रम अधिकारी के साथ ज्योति बबली भी दोषी पाई गईं। इसके एक साल बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। जिस वक्त निलंबित किया गया उस वक्त ज्योति बबली बलरामपुर एसडीएम थीं।

 

विवाद 2 : पिछले साल 22 अप्रैल 2020 में छत्तीसगढ़ के आईपीएस डॉ. लाल उमेद सिंह परिवार समेत ससुर के अंतिम संस्कार में शामिल होने यूपी जा रहे थे। रास्ते में शाम होने पर एसडीओपी दुर्गेश जायसवाल ने उन्हें वाड्रफनगर पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में रुकवा दिया। यहां वाड्रफनगर की एसडीएम ज्योति बबली बैरागी पहले से रुकी थीं। शाम करीब 7 बजे रेस्ट हाउस लौटीं। वहां दूसरे रूम में ठहरे आईपीएस डॉ. लाल उमेद सिंह को देखकर भड़क गईं। ज्योति बबली का इस बात का पता चला कि आईपीएस परिवार को गेस्ट हाउस में ठहराने वाले एसडीओपी है तो उन पर चिल्लाने लगी। यह सब देख आईपीएस ने एसडीओपी को फोन कर बुलाया। जब वे पहुंचे तो एसडीएम उनके ऊपर भड़क गईं। यह सब देख लाल उमेद सिंह की पत्नी भी रोने लगीं। एसडीएम ज्योति बबली बैरागी ने एसडीओपी को गेट आउट तक कह दिया।

 

विवाद 3 :  गेस्ट हाउस विवाद की जानकारी तात्कालीन बलरामपुर एसपी और कलेक्टर को दी गई। प्रदेश के एक सीनियर आईपीएस के साथ गलत व्यवहार करने की वजह से उन्हें कलेक्टर ने एसडीएम के पद से हटा दिया। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने प्रभार नहीं छोड़ा। नए एसडीएम जब प्रभार लेने पहुंचे तो ज्योति बबली ने कुर्सी ही नहीं छोड़ा, बल्कि कलेक्टर को ही आवेदन देकर कहा है कि वे आईपीएस को नहीं पहचान पाई और एसडीपीओ उनके साथ सही व्यवहार नहीं करता है। हालांकि बाद में उन्हें एसडीएम की कुर्सी छोड़नी ही पड़ी।

 

विवाद 4 : गेस्ट हाउस का विवाद यही नहीं थमा, एसडीएम की कुर्सी जाने के बाद करीब एक सप्ताह उन्होंने कलेक्टर को एक पत्र लिखकर एसडीओपी दुर्गेश जायसवाल के खिलाफ ही कई गंभीर आरोप लगाकर जुर्म दर्ज कराने की अनुमति मांगी। इसमें उन्होंने एसडीओपी पर बिना इजाजत कमरे में घुसने, रेस्ट हाउस में उनके रूम में दूसरे को ठहराने और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने सहित कई गंभीर आरोप लगाकर सनसनी मचा दी थी। इस मामले में एसडीओपी पर लगे आरोपों के लिए भी जांच टीम गठित की गई थी।

 

अब मैडम आरोपों को बता रही बेबुनियाद…2 तहसीलदार, 3 आरआई, 30 पटवारियों समेत कई कर्मचारियों द्वारा कलेक्टर महादेव कावरे से 8 बिंदुओं में की गई शिकायत को एसडीएम ज्योति बबली बैरागी बेबुनियाद व निराधार बता रही हैं। एसडीएम ने मीडिया को बयान देते हुए कहा है कि बगीचा तहसीलदार के खिलाफ एक शिकायत की जांच कर रही हैं। इसी जांच को प्रभावित करने और खुद को बचाने के लिए तहसीलदार पर पटवारियों व कर्मचारियों से झूठा शिकायत करने की बात कही है।

 

मैडम पर कई संगीन आरोप लगाए गए हैं: बता दें कि जशपुर कलेक्टर से 8 बिंदुओं में की गई शिकायती पत्र में कई गंभीर व संगीन आरोप लगाए गए हैं। इनमें एसडीएम बगीचा पर देसी मुर्गा, मटन और कबूतर की डिमांड के साथ अपनी शॉपिंग के बिलों का भुगतान करने और त्योहार पर अफसर और कर्मचारियों से चंदा कर नजराना मांगने, पटवारियों को थप्पड़ मारने, तहसीलदार को मीटिंग से बाहर कर देने, योजना चलाने के नाम पर लाखों की हेराफेरी करने जैसे गई आरोप लगाए गए हैं।