Thursday, November 21, 2024
Homeराजनीतिधान खरीदी को लेकर सियासत : बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष के बयान पर छग...

धान खरीदी को लेकर सियासत : बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष के बयान पर छग सरकार के पांच मंत्रियों का पलटवार, सरकार की बताया बड़ी उपलब्धि, केंद्र पर एक रुपए नहीं देने का लगाया आरोप

रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान की सरकारी खरीदी नया रिकॉर्ड बना चुकी है। इसके साथ ही राजनीति तेज हो गई है। एक दिन पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा, केंद्र सरकार के पैसे से ये लोग धान खरीद रहे हैं और फ ोकट का चंदन घिस रहे हैं। राज्य सरकार को प्रधानमंत्री मोदी जी को इसके लिए धन्यवाद कहना चाहिए। बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के साथ राज्य सरकार के पांच मंत्रियों ने प्रेस वार्ता किया। इसमें छग सरकार के वरिष्ठ व कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, परिवहन व वन मंत्री मोहम्मद अकबर, आबकारी मंत्री कवासी लखमा और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया मौजूद रहे। मंत्रियों ने इस खरीदी को प्रदेश सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। मंत्रियों का कहना था, धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार एक रुपया भी नहीं देती।

 

 

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा :  17 दिसम्बर को भूपेश बघेल की सरकार के चार साल पूरा होने पर चर्चा किया था। ठीक एक महीना बाद इस सरकार का सबसे बड़ा काम, हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि आपके सामने है। सरकार ने एक सुव्यवस्थित योजना के तहत 101 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी कर ली है। लक्ष्य हमारा 110 लाख मीट्रिक टन का है। समय सीमा के भीतर हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर ही लेंगे। लगभग 21 हजार करोड़ रुपए की राशि किसानों को अब तक दी जा चुकी है। चौबे ने कहा, जब हमारी सरकार ने 2500 रुपया क्विंटल में धान खरीदना शुरू किया तो पहली बार केंद्र से आपत्ति आई कि अगर हमने मिनिमम सपोर्ट प्राइज से एक रुपया भी अधिक दिया तो छत्तीसगढ़ का चावल नहीं लिया जाएगा। मैं खुद खाद्य मंत्री के साथ केंद्र सरकार की बैठकों में शामिल था। वहां केंद्र सरकार ने कहा था, छत्तीसगढ़ के किसानों को मिनिमम सपोर्ट प्राइज से एक रुपया भी ज्यादा नहीं मिलना चाहिए। उसी बैठक में हमारे मुख्यमंत्री जी ने कहा, हमारा कमिटमेंट है कि छत्तीसगढ़ के किसानों को 2500 रुपये से एक रुपया भी कम नहीं देंगे। यही डिस्प्यूट था। उसके बाद हमने अलग योजना बनाई और अपने किसानों को लगातार पैसा देते रहे।

 

 

वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा :  भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव जी का बयान मैंने पढ़ा। उन्होंने कहा, भारत सरकार के पैसे से धान खरीद रहे हैं और फ ोकट का चंदन घिस रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष को धान खरीदी के सिस्टम को समझने की जरूरत है। धान खरीदी का सिस्टम यह है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 22 हजार करोड़ का कर्ज लिया है मार्कफेड के जरिये। 12 हजार करोड़ की बैंक गारंटी राज्य सरकार की है। बाकी जो पैसा है वह बिना गारंटी का है। इन दोनों कर्जों में अंतर यह है कि राज्य सरकार की गारंटी पर दशमलव पांच प्रतिशत ब्याज कम लगता है। धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार से एक रुपया भी नहीं मिलता। मोहम्मद अकबर ने कहा, कांग्रेस ने 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी का कमिटमेंट था। पहले साल यानी 2019 में हमने 2500 के हिसाब से सीधे भुगतान किया। तब भारत सरकार ने अड़ंगा लगाया कि यदि समर्थन मूल्य से अधिक में खरीदी होगी तो हम आपका चावल भारतीय खाद्य निगम में जमा नहीं लेंगे।

 

डहरिया बोले, मोदी जी को क्यों धन्यवाद कहें : नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने कहा, धान खरीदी की शुरुआत भी कांग्रेस की सरकार ने ही किया। भाजपा ने झूठी घोषणाओं के अलावा कुछ नहीं किया। 15 हजार से अधिक किसानों ने भाजपा के शासनकाल में आत्महत्या की। हमारी चार साल की सरकार में एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं किया है। ये हमारी उपलब्धि है। मोदी जी को क्या इसलिए धन्यवाद दें कि वे धमकी देते हैं कि किसानों को बोनस दिया तो आपका चावल नहीं लेंगे। केंद्रीय पुल की राशि हमें नहीं मिलती तो क्या इसलिए उनको धन्यवाद दें। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, किसानों के लिए जो कुछ भी हो रहा है वह कांग्रेस सरकार कर रही है। भाजपा ने केवल झूठे वादों के अलावा कुछ नहीं दिया है।