Thursday, November 21, 2024
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दो-दो कांग्रेसी विधायक फिर भी हिचकोले खा-खा कर सफर करने के लिए मजबूर राहगीर!

बरमकेला। छत्तीसगढ़ के नवगठित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिलांतर्गत बरमकेला जनपद पंचायत क्षेत्र के बरमकेला ब्लॉक मुख्यालय से कटंगपाली मार्ग वर्षों से उपेक्षित होने की वजह से सड़क की स्थिति दयनीय हो चुकी है। लोगों को इस पथ पर आवाजाही करने में काफ ी परेशानी होती है। जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। जिससे इस सड़क से गुजरने वाले लोगों को काफ ी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। जबकि यह मार्ग दो-दो विधानसभा क्षेत्रांतर्गत समाहित है। बरमकेला ब्लॉक मुख्यालय से कटंगपाली का आधा हिस्सा सारंगढ़ विधानसभा तो आधी रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। सारंगढ़ में विधायक की कुर्सी पर उत्तरी गनपत जांगड़े विराजमान है तो रायगढ़ विधानसभा सीट में प्रकाश नायक। बावजूद इस सड़क में आवाजाही करने वाले लोग हिचकोले खाने के लिए मजबूर हैं। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के लिए कई बार गुहार लगाई। आश्वासन तो मिला, लेकिन हुआ कुछ नहीं। ग्रामीणों के पास इंतजार करने के अलावा दूसरा विकल्प ही नहीं है। लोगों ने जनप्रतिनिधियों की अनदेखी को लेकर नाराजगी व्यक्त की है। इस सड़क से दो दर्जन से भी अधिक गांवों के सैकड़ों लोग रोजाना आवाजाही करते हैं। जर्जर सड़क के कारण लोगों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। सड़क के बीचोंबीच कई जगहों पर गड्ढे निकल आए हैं। नेताओं को जनता की समस्या से कोई लेना-देना नहीं है। जर्जर सड़क को लेकर किसी भी प्रकार की दिलचस्पी नहीं दिखाई जाने की वजह से सड़क की हालत दिन प्रतिदिन जर्जर होती जा रही है। समस्या समाधान के लिए ठोस कदम नहीं उठाने के कारण स्थानीय ग्रामीणों मेंं भारी आक्रोश पनप रहा है जो कभी भी फूट सकता है।

 

 

9.3 किमी का सफर पौने घंटे में : बरमकेला ब्लॉक मुख्यालय से कटंगपाली तक पहुंच मार्ग की दूरी 9.3 किमी है। इतने किलोमीटर का सफर स्थानीय ग्रामीण करीब पौने घंटे में कर रहे हैं। सड़क की स्थिति जर्जर है। जिससे लोगों को आवाजाही में परेशानी उठानी पड़ती है। लोग हिचकोले खाते हुए सफ र कर रहे हैं। अपनी जान हथेली पर रखकर आवाजाही करने को मजबूर हैं। कई बार सड़क निर्माण कराने के लिए आवाज उठाई गई है, लेकिन स्थानीय नेताओं के साथ अफ सरों ने भी ध्यान नहीं दे रहे।

 

 

स्कूली छात्रों को सबसे अधिक परेशानी : कटंगपाली से बरमकेला ब्लॉक मुख्यालय तक पहुंचने का यही एक मात्र रास्ता है। कटंगपाली समेत करीब दर्जन भर गांवों का इस बीच बसेरा है। यहां के बच्चे स्कूली व कॉलेज की शिक्षा के लिए बरमकेला पहुंचते हैं। एक मात्र रास्ते होने के कारण धूल उड़ती सड़क पर आवाजाही करने के लिए छात्र मजबूर हैं। धूल की उड़ती गुब्बार के कारण स्कूली बच्चे बीमार भी हो रहे हैं। बावजूद इसके जिम्मेदारों को इसकी कोई परवाह नहीं है।

 

 

ओवरलोड वाहनों को खुली छूट : कटंगपाली क्षेत्र औद्योगिक एरिया है। यहां दर्जनों क्रशर उद्योग संचालित हैं। क्रशर प्लांटों में रोजाना सैकड़ों की संख्या में भारी वाहनों की आवाजाही होती है। इन वाहनों में ओवरलोड आसानी से देखा जा सकता है। इस पर न तो स्थानीय पुलिस रोक लगा पा रही है न जिला टॉस्क फोर्स समिति। परिवहन व खनिज अमला की खुलेआम मौन सहमति है। ओवरलोड वाहनों के कारण ही सड़क की स्थिति दयनीय हो चुकी है।