Friday, October 18, 2024
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‘दीदी’ के करीबी ‘दादा’ ने मारा ऐसा ‘कवर ड्राइव’, बंगाल में बीजेपी फिर चारों खाने चित!

खेल डेस्क। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने शनिवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के काफी करीब हैं। गांगुली का यह बयान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ डिनर पार्टी के ठीक एक दिन बाद आया है। गांगुली के इस बयान के बाद राजनीतिक विशेषज्ञ मान रहे हैं कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान को बीजेपी एक बार फिर नहीं मना पायी। ममता बनर्जी बीजेपी की धुर विरोधी मानी जाती है। सूत्र बताते हैं कि गांगुली के सहारे बीजेपी बंगाल में ममता के किले को फतह करने के मूड में थी लेकिन दादा जिस तरह से क्रिकेट के पिच पर ऑफ साइड में ‘कवर ड्राइव’ लगाया करते थे। ठीक उसी तरह राजनीति की पिच पर भी ‘कवर ड्राइव’ लगा कर भाजपा को चारों खाने चित कर दिया।

दरअसल, प्रिंस ऑफ कोलकाता के नाम से मशहूर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली मैदान में भी अपनी बेबाकी को लेकर मशहूर थे। लेकिन शुक्रवार और शनिवार को हुए घटनाक्रम के बाद दादा ने साबित कर दिया कि वे मैदान के बाहर भी उनका कोई सानी नहीं। शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अपने आवास पर रात्रि भोज के लिए आमंत्रित किया था। गांगुली और शाह के डिनर पार्टी की तस्वीरें भी सामने आई थी। दोनों की घनिष्ठता के बाद राजनीतिक गलियारों में बातें सामने आने लगी थी कि गांगुली जल्द ही बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। लेकिन अगले ही दिन उन्होंने यह कहकर पलटी मार दी कि वो ममता दीदी के काफी करीब हैं।

 

 

क्या कहा प्रिंस ऑफ कोलकाता ने : ‘दीदी’, प्रिंस ऑफ कोलकाता, द गॉड ऑफ साइड जैसे नामों से महशूर दुनिया के सबसे अमीर बोर्ड के प्रेसीडेंट सौरव गांगुली के घर शुक्रवार रात को केंद्रीय मंत्री अमित शाह के साथ स्वपन दासगुप्ता, राज्य भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी डिनर पार्टी के लिए पहुंचे थे। तभी गांगुली के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें एक बार फिर तेज हो गई। इस बीच बीजेपी से जुड़ने की अटकलों को खारिज करते हुए सौरव ने कहा कि वह अमित शाह को 2008 से जानते हैं। उन्होंने कहा, “खेलते समय मैं उनसे मिलता था। इससे ज्यादा और कुछ नहीं है।”

 

 

 

2018 से बीजेपी में शामिल करने की कोशिश : पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को बीजेपी 2018 से अपनी पार्टी में शामिल करने की कोशिश कर रही है। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें पार्टी की टिकट से बंगाल में चुनाव लड़ने का ऑफर देने के साथ ही केंद्रीय खेल मंत्री पद का भी ऑफर किया गया, लेकिन उन्होंने राजनीति में आने से साफ इनकार कर दिया। वहीं पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भी राजनीतिक गलियारों में ये खबरें थी कि सौरव गांगुली बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। यही नहीं पार्टी सूत्रों के मुताबिक, गांगुली को बीजेपी प्रदेश के सीएम फेस के तौर पर जोड़ना चाहती थी। लेकिन उस वक्त गांगुली माइनर हार्ट अटैक के बाद स्वास्थ्य लाभ में मशगूल हो गए और बीजेपी से जुड़ने की हवा में ही गायब हो गई थी।

 

 

गांगुली परिवार से ममता के मधुर संबंध : बंगाल में गांगुली परिवार सबसे पॉवरफूल परिवारों में से एक है। सौरव गांगुली के पिता चंडीदास गांगुली टॉप बिजनेसमैन थे।  सीएम ममता बनर्जी से गांगुली परिवार का मधुर संबंध बहुत पहले से रहा है। बीते साल सौरव गांगुली को दिल का दौरा पड़ा था और अस्पताल में भर्ती थे तो ममता बनर्जी उनका हालचाल जानने पहुंची थी। वहीं जुलाई में सौरव गांगुली के जन्म दिन पर भी सीएम ममता दादा के घर पहुंची थी।