रायपुर। राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब में पिछले एक महीने से प्रदर्शन कर रही विधवा महिलाओं का मंगलवार को सब्र का बांध टूट गया और अचानक तालाब में छलांग लगाने लगी और कहने लगीं कि अब जीने का कोई फायदा नहीं है और पानी में जल समाधि लें लेंगी। महिलाओं को पानी में कूदते देख मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी भी हड़बड़ा गए और तालाब में कूद गई महिलाओं को खींचकर बाहर निकाला तो वहीं कूदने की तैयारी कर महिलाओं को बड़ी मुश्किल से रोका गया। काफ ी देर तक बूढ़ातालाब के किनारे विरोध और बवाल होता रहा। बता दें कि महिलाएं अनुकम्पा नियुक्ति की मांग कर रही हैं। ये वो महिलाएं हैं जिनके पति पंचायत स्तर के स्कूलों में पढ़ा रहे थे। किसी की हादसे में मौत हो गई तो किसी को बीमारी ने छीन लिया। अब इन महिलाओं का कहना है कि पति की जगह सरकारी नौकरी दी जाए। मगर अफ सरों ने इन्हें अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी है। मंगलवार को इसी वजह से तंग आकर महिलाओं ने जल समाधी लेने का प्रयास किया। पुलिस ने जैसे-तैसे इन्हें समझाकर वापस धरना स्थल भेजा। महिलाओं ने कहा कि आने वाले दिनों में इनकी मांग पूरी नहीं होती तो और बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगी। फि लहाल महिलाओं ने धरना स्थल पर ही डटे रहने का फैसला किया है।
4 साल से मांग रहीं रोजगार : पंचायत शिक्षकों की मौत के बाद परिवार के किसी भी सदस्य को अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली है। कोई तीन साल से भटक रहा है तो कोई चार साल से। जांजगीर से आई अश्वनी सोनवानी के पति पंचायत शिक्षक थे। 2017 में पति की हार्ट अटैक से मौत हो गई। अब दो बच्चे हैं। ससुर को लकवा मार गया है। लोगों से उधार रुपए लेकर बुजुर्ग ससुर का इलाज करवा रही हैं। ट्रीटमेंट के लिए पैसे नहीं होते हैं। 17 साल की बैटी ने 10वीं में टॉप किया था। मगर अब उसे आगे पैसों की तंगी की वजह से पढ़ा नहीं पा रहीं। अश्वनी ने पूछा कि हम घर कैसे चलाएं, जिन शिक्षकों का संविलियन हुआ उनके परिवार को सरकार ने अनुकम्पा नियुक्ति दे दी, हमारे पति भी तो पढ़ाते थे। हमें क्यों परेशान किया जा रहा है हमारी तकलीफ कोई नहीं समझ रहा।