जशपुर। छग के जशपुर जिले में राजस्व रिकार्ड में छेड़छाड़ कर साढ़े 4 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री के मामले में कलेक्टर महादेव कावरे के निर्देश पर जशपुर के तहसीलदार विकास जिंदल की रिपोर्ट पर कोतवाली पुलिस ने उप पंजीयक टीआर पटेल, दस्तावेज लेखक सुरजन सिंह, क्रेता मनोज सिंह, विक्रेता राजेश राम, सुख राम और दो गवाह अरुण नाग और करण सिंह के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी, के तहत अपराध दर्ज किया है। जानकारी के मुताबिक जमीन विक्रेता राजेश राम और सुख राम ने जशपुर तहसील के ग्राम डबनीपानी में खसरा क्रमांक 267/1 में रकबा 4.514 हेक्टेयर जमीन की बिक्री क्रेता मनोज प्रधान को 17 मई को किया था। जमीन बिक्री के दस्तावेज तैयार में व्यापक पैमाने में गड़बड़ी की गई है। इसकी शिकायत पटवारी संघ ने ज्ञापन के माध्यम से कलेक्टर से किया था। संघ ने गलत तरीके से की गई रजिस्ट्री के इस प्रकरण में नामांतरण के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया था। ज्ञापन में बताया गया था कि जमीन रजिस्ट्री के लिए तैयार किये गए दस्तावेज में से मूल दस्तावेज में उल्लेखित 80 नग साल, 70 महुआ, 60 आम, 2 हर्रा, 4 बेहरा के वृक्ष होना दर्ज किया गया है। लेकिन, रजिस्ट्री के लिए तैयार बी 1 दस्तावेज में से इन पेड़ों के उल्लेख
को हटा दिया गया है। इतना ही नही, फर्जीवाड़ा की सारी हदें पार करते हुए बी 6 दस्तावेज में उल्लेखित गरजू सिंह को नाबालिग बताया गया है, जबकि गरजू सिंह की 1987 में ही मृत्यु हो चुकी है। मामले की जांच में फर्जीवाड़ा की पुष्टि होने पर कलेक्टर महादेव कावरे ने तहसीलदार विकास जिंदल को प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया था।
जानकारी के लिए बता दें कि बीते कुछ अर्से से जिला मुख्यालय में जमीन रजिस्ट्री में गड़बड़ी का मामला लगातार उजागर हो रहा
है। इसे लेकर सियासत भी होती रही है। सबसे बड़ा विवाद जिले के तत्कालीन प्रभारी मंत्री और प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के बेटे के मनोरा तहसील के हर्रापाठ में पहाड़ी कोरवा के जमीन खरीदी को लेकर उठा था। राज्यपाल के दरबार तक मामला पहुंचने का बाद, मंत्री पुत्र ने पहाड़ी कोरवाओं को जमीन वापस कर दिया था। बहरहाल, जमीन घोटाला मामले में उप पंजीयक टीआर पटेल के खिलाफ प्राथमिकी से प्रशासनिक हल्के में हड़कंप मचा हुआ है।