रायपुर। कोरोना काल में नौकरशाहों ने इंसानियत और मानवता का परिचय देने की बजाय अपने रुतबे और अधिकारों को ज्यादा अहमियत देते हुए अपनी हदें पार कर दीं। एक तरफ सरकारी अव्यवस्थाओं की तस्वीर सामने आई, तो वहीं दूसरी ओर नौकरशाह मनमर्जी से शासन चलाने में हिचक नहीं रहे हैं। विपत्ति के काल में भी कई ऐसे नौकरशाहों के चेहरे बेनकाब हुए हैं जिन्होंने मानवता और इंसानियत को ठोकर मारने में गुरेज नहीं किया है। राज्य शासन ऐसे नौकरशाहों पर कोई कार्यवाही नहीं की। ताजा मामला छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में सामने आया, जहां कलेक्टर रहे रणबीर शर्मा ने अपने पद के घमंड में युवक काे चांटा मार दिया और मोबाइल जमीन पर पटक कर तोड़ दी। हालांकि उन्हें उनकी सजा तबादले के तौर पर मिली। कलेक्टर की मौजूदगी में एसडीएम प्रकाश सिंह राजपूत और एक थानेदार की भी दबंगई सामने आई, टीआई को तो एसपी ने लाइन अटैच कर दिया, लेकिन एसडीएम पर कोई आंच नहीं आई। इसके पहले जशपुर जिले के बगीचा एसडीएम रहीं ज्योति बबली कुजूर पर गंभीर व संगीन आरोप शासकीय सेवकों ने ही लगाए। सजा की बजाय ईनाम के तौर पर एसडीएम को ब्लॉक से हटाकर जिला मुख्यालय का एसडीएम बना दिया गया। वहीं शिकायतकर्ता अधिकारियों को तितर-बितर कर दिया गया। इतना ही नहीं मुंगेली में एसडीएम नवीन भगत की दबंगई सामने आयी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी सीएमएचओ को 2 थप्पड़ मारने की बात कही थी। इसको लेकर पूरे स्वास्थ्य महकमे में नाराजगी थी। एसडीएम पर कार्यवाही की मांग जोर-शोर से की जा रही थी, लेकिन कार्यवाही के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ। अब बात करते हैं रायगढ़ जिले की जहां आपदा को अवसर में बदलने के लिए सारी सीमाएं ही नौकरशाहों ने लांघ दी। यहां सारंगढ़ ब्लॉक में एक क्लीनिक संचालक को जेल भेजने की धमकी देकर प्रभारी टीआई, तहसीलदार और बीएमओ ने 3 लाख रुपए वसूल लिए। मामला मीडिया के सामने आया तो एसपी ने प्रभारी टीआई रहे केके पटेल को तत्काल लाइन अटैच कर दिया तो वहीं कलेक्टर ने पूरे मामले की जांच के लिए सारंगढ़ एसडीएम को निर्देशित किया। जानकारी के मुताबिक एसडीएम ने रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी, लेकिन आज पर्यंत आपदा को अवसर बनाने वाले तहसीलदार और बीएमओ पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। और अब धमतरी जिले के कुरूद एसडीएम पर युवक को धमकाने का आरोप लगा है। युवक ने लिखित शिकायत कलेक्टर से की है।
अब धमतरी में एसडीएम पर लगा आरोप, शिकायत कलेक्टर से : अब छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एक युवक को एसडीएम कुरूद पर धमकाने का आरोप लगा है। पीड़ित युवक ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की है। जानकारी के मुताबिक, ग्राम करेली बड़ी निवासी कुशलकांत साहू ने कलेक्टर को लिखित शिकायत करते हुए रेत ठेकेदार पर प्रताड़ित करने और एसडीएम कुरूद पर धमकी देने का आरोप लगाया है। साथ ही मगरलोड थाना में झूठी रिपोर्ट लिखाए जाने की जांच कराने की मांग की है। पीड़ित ने बताया कि करेली बड़ी में रेत खदान को लेकर ग्रामीणों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा रेत ठेकेदारों को संरक्षण दिया जा रहा है। पुलिस प्रशासन द्वारा हमारी शिकायत नहीं दर्ज की जा रही है। कई शिकायतें लंबित है। रेत ठेकेदार द्वारा जो शिकायत दर्ज कराई जाती है उसको तुरंत दर्ज कर लिया जाता है। पीड़ित ने शिकायत के माध्यम से बताया कि रेत ठेकेदार मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है। शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही। उसने बताया कि 21 मई को वह गांव में नहीं था। उसके बाद भी उसके ऊपर झूठा प्रकरण दर्ज करा दिया गया।
ये भी एसडीएम पर आरोप : करेली बड़ी में रेत खदान को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। तीन दिन पहले इसी विवादित रेत खदान को लेकर एसडीएम सुनील शर्मा के ग्रामीणों एवं राजस्व अधिकारियों के बीच बैठक रखी गई थी। एसडीएम पर आरोप है कि रेत ठेकेदार के पक्ष में बोलते हुए ग्रामीणों को ही यह कहकर धमकी दी कि तुम सब पैसा लेकर वोट देते हो, ज्यादा तीन-पांच करोगे तो तुम्हें गैर जमानती अपराध में पुलिस पकड़कर ले जायेगी, फिर तुम लड़ते रहना। अनुविभागीय अधिकारी के इस कथन से ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है और उन्होंने इस अधिकारी के स्थानांतरण एवं कार्यवाही की मांग की है।